धनबाद: अल्पसंख्यक बता कर आरटीइ (शिक्षा के अधिकार) से बचाव करने वाले निजी अल्पसंख्यक स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने शुरू कर दी है. पिछले दिनों आरटीइ की बैठक में ही डीएसई बांके बिहारी सिंह ने अल्पसंख्यक स्कूलों को इसका संकेत दे दिया था. मंगलवार से स्कूलों को इस आशय […]
धनबाद: अल्पसंख्यक बता कर आरटीइ (शिक्षा के अधिकार) से बचाव करने वाले निजी अल्पसंख्यक स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने शुरू कर दी है. पिछले दिनों आरटीइ की बैठक में ही डीएसई बांके बिहारी सिंह ने अल्पसंख्यक स्कूलों को इसका संकेत दे दिया था. मंगलवार से स्कूलों को इस आशय का पत्र भी जारी होना शुरू हो गया है. यह जानकारी डीएसइ ने दी है.
डीएसइ ने बताया कि ऐड का मतलब सिर्फ राशि की मदद मिलनी हीं नहीं होती. अल्पसंख्यक स्कूलों को यह भी स्पष्ट करना होगा कि जिस भूमि पर उनका स्कूल है वह किसकी है.
जगह-जगह की परिस्थितियां अलग-अलग होती है. कोई भी संस्थान जो भूमि का अधिग्रहण करते हैं, वह उसका उपयोग उसी कार्य में कर सकते हैं. अधिग्रहीत भूमि को वह किसी दूसरे काम के लिए किसी अन्य संस्थान को नहीं दे सकते. विभाग के इस पत्र की भनक लगने से निजी अल्पसंख्यक स्कूलों मे खलबली मच गयी है, लेकिन वह इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.
पत्र आने के बाद जवाब देंगे : कैनेडी
डी-नोबिली स्कूल धनबाद के प्राचार्य डी थॉमस कैनेडी का कहना है कि पत्र आने के बाद उसका जवाब दे देंगे . वह सिर्फ इतना जानते हैं कि उनका स्कूल नियम के अनुसार आरटीइ के दायरे में नहीं आता.