झांसी से आये आचार्य बबलू की देखरेख में यजमान नारायण गंगवानी और उनकी पत्नी पूनम गंगवानी ने झूले लाल साईं का आह्वान किया. झूले लाल साईं को वरुण देवता का अवतार माना जाता है. इस दिन से सिंधी समाज का नववर्ष प्रारंभ होता है.
पूजन हवन के बाद डांडिया का कार्यक्रम हुआ. ओ लाल मेरी पत रखियो भला झूले लालण.. आयो लाल झूले लाल बल्लो वारो झूले लाल, ज्योतिवाला झूले लाल..आदि गीतों पर महिला-पुरुष और युवतियों ने डांडिया धमाल मचाया. मौके पर बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस और डांस प्रतियोगिता करायी गयी. फैंसी ड्रेस में एक से 10 साल के बच्चों ने भाग लिया. प्रतियोगिता में शामिल सभी बच्चों को पुरस्कृत किया गया. मौके पर समाज के 20 बुजुर्ग महिला और पुरुषों को सम्मानित किया गया. समाज के मुखिया धनश्याम दास आहूजा एवं भगवती देवी अठवानी ने शाल देकर उन्हें सम्मान दिया.