इसके बाद बाकी जूनियर डॉक्टर जुट गये. कमजोर पड़ता देख हमलावर भागे. सर्पदंश से पीड़ित मनोज कुमार महतो ने बताया कि वे चचेरे भाई चेत लाल महतो, जिप उपाध्यक्ष संतोष महतो सहित कुछ अन्य लोगों के साथ इलाज कराने पीएमसीएच आये थे. अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात सीनियर चिकित्सक ने उनके पैर उठा कर बैठने पर आपत्ति जताते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी. इस पर जब उन्होंने विरोध किया तो प्रतिक्रिया में एक कंपाउंडर की सूचना पर चालीस -पचास की संख्या में लाठी-डंडा , हॉकी स्टीक से लैस जूनियर डॉक्टर जुट गये और हमला बोल दिया.
संतोष महतो की कार को क्षतिग्रस्त कर दिया. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर शराब के नशे में होने का आरोप लगा रहे थे. इधर पीड़ित को केंद्रीय अस्पताल में भरती कराया गया है. जूनियर डॉक्टरों ने थानेदार पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो आरोपियों को पकड़ कर छोड़ दिया. उनका कहना है कि पुलिस पक्षपात कर रही है. जिप उपाध्यक्ष संतोष महतो ने बताया कि उन्होंने किसी तरह खुद को बचाया. चिकित्सक अगर इस तरह का व्यवहार करेंगे तो गरीब मरीज कहां जायेंगे. अस्पताल अधीक्षक के विश्वास ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के सहारे ही अस्पताल चल रहा है. उन्हें उम्मीद है कि जनहित में वह मान जायेंगे और काम पर लौट आयेंगे.