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कैबिनेट नोट के लिए गया सिंदरी प्रोजेक्ट का मुद्दा

धनबाद/सिंदरी : सिंदरी में इस्पात, उर्वरक व विद्युत संयंत्र खोलने की दिशा में एक और मंजिल तय हो गयी है. केंद्र सरकार ने इससे संबंधित नोट कैबिनेट में भेज दिया है. कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मूर्त रूप दिया जा सकता है. सांसद पीएन सिंह ने मंगलवार को दूरभाष पर इस आशय की जानकारी […]

धनबाद/सिंदरी : सिंदरी में इस्पात, उर्वरक व विद्युत संयंत्र खोलने की दिशा में एक और मंजिल तय हो गयी है. केंद्र सरकार ने इससे संबंधित नोट कैबिनेट में भेज दिया है. कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मूर्त रूप दिया जा सकता है. सांसद पीएन सिंह ने मंगलवार को दूरभाष पर इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को उनकी मुलाकात केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार से हुई.
इस मुलाकात में सिंदरी प्रोजेक्ट पर बातचीत हुई. सांसद के अनुसार, उन्होंने विभागीय मंत्री से जल्द कारखाना खोलने का आग्रह किया. मंत्री ने इस बाबत बताया कि सरकारी स्तर पर अब कोई आपत्ति नहीं है. प्रस्ताव कैबिनेट नोट के लिए भेजा गया है. जल्द ही कैबिनेट में फैसला हो जायेगा. मंत्री ने बताया कि कारखाना हर हाल में खुलेगा, चाहे सरकार खोले या सेल या फिर कोई अन्य.
गौरतलब है कि वर्ष 2002 में सिंदरी के खाद कारखाना पर हमेशा के लिए ताला लटक गया था. यहां कार्यरत हजारों मजदूर रातों-रात बेरोजगार हो गये थे.
मंत्री ने की थी यूरिया हब बनाने की बात
पांच अगस्त, 2011 को सेल ने 35 हजार करोड़ की लागत से प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया था. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने सेल के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी थी. नवंबर, 2011 में संयंत्र के पुनरुद्धार के लिए नयी कंपनी सेल सिंदरी प्रोजेक्ट बनायी गयी. सेल ने घोषणा की थी कि वह 56 लाख टन सालाना क्षमता का स्टील प्लांट, 11.5 लाख सालाना क्षमता का फर्टिलाइजर प्लांट तथा बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए एक हजार मेगावाट का पावर प्लांट लगायेगा. इसके लिए 6652 एकड़ जमीन मांगी थी.
जमीन नहीं मिलने तथा व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण को देखते हुए बाद के दिनों में सेल का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया. इधर, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार आठ दिसंबर, 2014 को सिंदरी दौरे पर आये थे. नेहरू मैदान में आयोजित सभा में उन्होंने घोषणा की थी कि सिंदरी को पूर्वी भारत का यूरिया हब बनाया जायेगा.

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