बैठक में अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) बीपीएल दास, उप विकास आयुक्त सीके मंडल, अपर समाहर्ता (आपूर्ति) अनिल सिंह, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष नीता सिन्हा तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में निर्णय लिया गया कि गुमशुदा बच्चों के अस्थायी शरण स्थल के रूप में कस्तूरबा एवं अनाथ विद्यालय का उपयोग किया जायेगा. गुमशुदा लड़िकयों को कस्तूरबा एवं लड़कों को अनाथ विद्यालय में रखा जायेगा. श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि चाइल्ड लाइन या अन्य किसी भी स्नेत से बाल श्रमिक के रूप में सूचना मिले तो उन बच्चों को तुरंत मुक्त कराया जाय एवं उन बच्चों का पुनर्वास भी कराया जाय.
इसके लिए उपायुक्त ने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया कि ढाबा, ईंट भट्ठों पर, घर में कार्य कर रहे बाल श्रमिकों के संबंध में प्रतिदिन जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाये. निर्णय लिया गया कि सभी थाना प्रभारी को अद्र्घ सरकारी पत्र भेजा जायेगा कि बच्चों से संबंधित मामलों की सूचना वे चाइल्ड लाइन तथा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दें. सेक्सुअल एब्युज से संबंधित मामलों को देखने के लिए एक कमेटी का गठन किया जायेगा. बैठक में भीमराव आंबेडकर विद्यालय भौंरा का मामला भी आया जिसकी जांच का निर्देश डीएसइ को दिया गया. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष नीता सिन्हा ने कहा कि जेल में रह रहे बच्चों से मिलना चाह रही हैं. उपायुक्त के द्वारा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि नीता सिन्हा को जेल में ले जा कर बच्चों से मिला दें.