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‘अपना घर’ के सपने को लेकर डीसी से गुहार

धनबाद: ‘‘सर, जैसे तिनका-तिनका जोड़ कर पंछी अपना आशियाना बनाती. ठीक उसी तरह हमलोगों ने अपनी जिंदगी की गाढ़ी मेहनत की कमाई देकर ‘अपना घर’ का सपना संजोया था, मगर हमारे सपने तार-तार होकर बिखर रहे हैं. अब आपसे ही आस है.’’ धनबाद के उपायुक्त से यह मार्मिक गुहार लगायी है सरायढेला में निर्माणाधीन आस्था […]

धनबाद: ‘‘सर, जैसे तिनका-तिनका जोड़ कर पंछी अपना आशियाना बनाती. ठीक उसी तरह हमलोगों ने अपनी जिंदगी की गाढ़ी मेहनत की कमाई देकर ‘अपना घर’ का सपना संजोया था, मगर हमारे सपने तार-तार होकर बिखर रहे हैं. अब आपसे ही आस है.’’ धनबाद के उपायुक्त से यह मार्मिक गुहार लगायी है सरायढेला में निर्माणाधीन आस्था मनमोहन अपार्टमेंट में फ्लैट बुक करानेवाले उपभोक्ताओं ने. उपायुक्त प्रशांत कुमार से मिलकर उपभोक्ताओं ने अपनी आपबीती बतायी है. उपभोक्ताओं का कहना है कि इस मामले में अब उनकी उम्मीद उपायुक्त ही हैं. उपायुक्त ने इस मामले का समाधान करने के लिए शीघ्र ही सभी पक्षों की बैठक बुलाने की बात कही है. उपायुक्त को दिये गये पत्र में उपभोक्ताओं ने खुल कर अपना दर्द बयां किया है.

लाखों देकर किराये के मकान में रहने को अभिशप्त : फ्लैट बुक करानेवालों में शत-प्रतिशत लोग सोसाइटी के प्रबुद्ध वर्ग से आते हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो सरकारी व निजी नौकरियों से रिटायर होने के बाद मिले पीएफ व ग्रेच्यूटी के पैसे तक लगा चुके हैं. कई ऐसे हैं, जो बैंक से लोन लेकर ब्याज भर रहे हैं. लाखों रुपये देने के बाद भी कई लोग किराये के मकान में रहने को अभिशप्त हैं. बीसीसीएल से रिटायर बीआर पासवान का 18 लाख देने के बाद भी अपना घर का सपना अधूरा. श्री पासवान एक ओर जहां छह हजार रुपये प्रतिमाह देकर किराये के मकान में रह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बैंक में 25 हजार रुपये ब्याज दे रहे हैं. एयर फोर्स से रिटायर एपी सिंह अब तक 14 लाख रुपये दे चुके हैं और मनोरम नगर में भाड़ा के मकान में रह रहे हैं. गोविंदपुर एरिया में बीसीसीएल में कार्यरत पदाधिकारी की पत्नी रेणु सिंह सरायढेला क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में भाड़ा पर रह रही हैं, जबकि वह भी अब तक 14 लाख रुपये दे चुकी हैं.

पिछले साल ही मिलना था फ्लैट : डीसी को लिखे पत्र में उपभोक्ताओं ने बताया है कि उनलोगों में से कई ने वर्ष 2010, तो कई ने वर्ष 2011 में इस अपार्टमेंट में फ्लैट मोटी रकम देकर फ्लैट बुक कराये. अधिकांश लोगों के साथ वर्ष 2012 में फ्लैट हैंडओवर करने का एग्रीमेंट हुआ, मगर एक साल बाद भी फ्लैट नहीं मिल सका है.

बार-बार रूक जा रहा है निर्माण कार्य : उपभोक्ताओं ने बताया है कि बार-बार अपार्टमेंट में निर्माण कार्य बंद हो जा रहा है. इससे उनलोगों के मन में अनिश्चितता एवं अवसाद की स्थिति बन रही है. लग रहा है कि फ्लैट कभी नहीं मिल पायेगा. अपार्टमेंट जिस जमीन पर बन रहा है, उसके मालिक मनमोहन वर्मा है एवं बिल्डर-डेवलपर धीरज कुमार सिंह है.

जमीन मालिक का रवैया गलत : उपभोक्ताओं का आरोप है कि पूरे मामले में जमीन मालिक मनमोहन वर्मा का रवैया गलत है. उपभोक्ताओं का कहना है कि श्री वर्मा को थोड़ी भी चिंता नहीं कि इस अपार्टमेंट से कितने लोगों के सपने जुड़े हैं और लाखों रुपये लगाकर लोग किराये के मकान में रह रहे हैं. उपायुक्त को लिखे पत्र में उपभोक्ताओं ने कहा है कि ‘‘मनमोहन वर्मा के तिकड़मों के कारण हमलोग मानसिक अवसाद की स्थिति से गुजर रहे हैं. हमलोगों को हो रहे मानसिक अशांति, अवसाद एवं अनिश्चितता से मुक्ति दिलाने की कृपा करें. हमें प्रताड़ित होने से बचाये तथा मनमोहन वर्मा के तिकड़मों से निजाद दिलाते हुए हमारे घर के सपने को पूरा कराने में सहयोग करें. अब आपका ही अंतिम सहारा है.’’

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