धनबाद: कॉलेजों में स्नातक में जिस विषय में दस या उससे भी कम नामांकन हों वहां के स्टूडेंट्स की क्लास पड़ोस के कॉलेज के साथ चलाने पर विभावि विचार कर रहा है. यह संकेत विभावि के कुलपति डॉ गुरदीप सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि लंबे समय से नयी नियुक्ति न होने तथा कार्यरत कॉलेज शिक्षकों का सेवानिवृत्ति के कारण शिक्षकों की संख्या काफी कम हो गयी है. ऐसे में जहां स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम है, वहीं एक-एक शिक्षक रखना विवि हित में नहीं है.
धनबाद में उर्दू की ज्वाइंट क्लास : विवि को सूचना मिली है कि एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में व पीके राय कॉलेज में स्नातक में उर्दू विषय के लिए नामांकित स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम है, जबकि उन्हें पढ़ाने के लिए एक-एक शिक्षक नियुक्त है. पीके राय कॉलेज में भी 70 प्रतिशत छात्राएं पढ़ती हैं तथा दोनों कॉलेज की दूरी भी लगभग दो किलोमीटर ही है. ऐसे में पीके राय कॉलेज में ही दोनों कॉलेजों के स्टूडेंट्स का एक साथ ही क्लास क्लास चलाने की तैयारी है. ऐसा करने से यहां से अतिरिक्त हुए एक शिक्षक से किसी अन्य कॉलेज में काम लिया जा सकेगा. यह तैयारी ऐसे अन्य विषयों के लिए भी चल रही है.
क्या है स्थिति
एसएसएलएनटी कॉलेज : यहां स्नातक तीनों पार्ट मिला कर उर्दू की छात्रएं बीस के आसपास है. जबकि उनको पढ़ाने के लिए एक लाख तीस हजार वेतन पाने वाली एक शिक्षिका है.
पीके राय कॉलेज : यहां भी स्नातक तीनों पार्ट का मिला कर उर्दू में 15-20 स्टूडेंट्स हैं, जबकि इनको पढ़ाने के लिए 45-50 हजार रुपये का वेतन पाने वाले एक शिक्षक नियुक्त है.
पांच -दस स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक देना संभव नहीं : कुलपति
पांच-दस स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एक-एक शिक्षक रखना विवि की आर्थिक बरबादी है. केवल एसएसएलएनटी ही नहीं दूसरे कॉलेजों में जहां ऐसी बरबादी हो रही है, उस पर लगाम लगाने की तैयारी है.