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सच्चाई से दूर है कॉलेज की एसएसआर

धनबाद: एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) सच्चई से कोसों दूर है. अगर इस रिपोर्ट पर वेरिफिकेशन हो जाये तो संस्थान का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. लेकिन कॉलेज में चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामा में शामिल लोगों को इसकी चिंता नहीं. यही एसएसआर 17 दिसंबर को वेरिफिकेशन के लिए नैक के […]

धनबाद: एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) सच्चई से कोसों दूर है. अगर इस रिपोर्ट पर वेरिफिकेशन हो जाये तो संस्थान का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है. लेकिन कॉलेज में चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामा में शामिल लोगों को इसकी चिंता नहीं. यही एसएसआर 17 दिसंबर को वेरिफिकेशन के लिए नैक के सुपुर्द होना है. रिपोर्ट किस प्रकार तथा किसके सहयोग से तैयार हुआ इसको लेकर अंगुलियां अलग उठ रही हैं.

क्या डालना है एसएसआर में : कॉलेज में मौजूदा व्यवस्था का विस्तृत विवरण, प्रस्तावित योजना जिस पर पहल शुरू हो चुकी है.

प्राचार्य ने कार्य शुरू किया : बिना योगदान स्वीकार के प्राचार्य ने कॉलेज का कार्यभार की देखरेख शुरू कर दी है. प्राचार्य डॉ किरण सिंह बुधवार को कॉलेज आयी. चल रही इग्नू की परीक्षा का निरीक्षण किया तथा अपने कक्ष में बैठ कर्मियों की मॉनीटरिंग भी की. कॉलेज कर्मियों को बताया कि योगदान स्वीकार हो जायेगा, अभी कुलपति हजारीबाग में नहीं हैं, इसलिए सुनवाई नहीं हुई है. प्राचार्य की इस कार्यशैली पर उनका प्रभार संभाल रही डॉ मीना श्रीवास्तव ने मामले में पूछने पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं दी. सिर्फ इतना बताया कि विवि की ओर से कोई नया दिशा निर्देश उन्हें अब तक नहीं मिला है. मामले में कुल सचिव डॉ एसपी सिन्हा का कहना है कि प्राचार्य डॉ किरण सिंह का योगदान अभी तक विवि ने स्वीकार नहीं किया है. प्राचार्य की कार्यशैली से वह भी आश्चर्य में हैं, लेकिन जब तक कुलपति नहीं आते कुछ कह नहीं सकते.

क्या है कॉलेज की एसएसआर में

कॉलेज की वेबसाइट पर मंगलवार को डाली गयी एसएसआर चेक करने पर अधिकांश बातें सच्चई से परे हैं. रिपोर्ट इस प्रकार है :

कॉलेज में जिम की व्यवस्था है.

हेल्थ सेंटर है, जिसमें नियमित रूप से चिकित्सक बैठते हैं.

बॉयोलॉजिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए कॉलेज में उपकरण लगा है.

कॉलेज में 11 हजार स्टूडेंट्स हैं, जिसमें 300 दूसरे प्रांत के हैं.

टीचर-स्टूडेंट्स का अनुपात 1 : 248 का है.

वोकेशनल कोर्स के तहत टूरिज्म एंड टैक्सेशन के लिए यूजीसी से सात-सात लाख मिल चुका है. जल्द ही कार्यान्वयन होगा.

प्रस्तावित कोर्स में बीबीए, बीसीए, पीजी इन ऑल सब्जेक्ट, क्लीनिकल न्यूट्रीशन एंड डाइटिक्स (सीएनडी), डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग एंड बीएड (सेल्फ फाइनांस कोर्स). डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग में कुल 30 सीटें हैं तथा इसमें इंट्रेंस तथा इंटरव्यू के आधार पर नामांकन होता है. कोर्स का शुल्क 20 हजार रुपये प्रति वर्ष है.

बीएससी नर्सिग का कोर्स शुरू किया गया था. इसका सही ढंग से संचालन भी हुआ, लेकिन फिलहाल एनसीआइ के आदेश पर बंद है. कॉलेज ने इनीशिएटिव लिया है. शीघ्र ही फिर से यह कोर्स शुरू किया जायेगा. इसके अलावा भी कई बातें हैं, जिसमें अधिकांश सूचनाएं गलत हैं.

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