धनबाद: न्याय में विलंब होने से लोग कोर्ट छोड़ दूसरी जगह जा रहे हैं. हमें बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. आज पूरा देश राष्ट्रीय लोक अदालत दिवस मना रहा है.
बहुत सारे केस जिन्हें मिल बैठ कर सुलझाया जा सकता है, उन्हें व्यक्तिगत लाभ छोड़ कर सुलझाने का प्रयास करना चाहिए. उक्त बातें प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ ने शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन समारोह में कही. उन्होंने डालसा से जुड़े लोगों को बधाई भी दी. समारोह की शुरुआत पीएसजे ने दीप प्रज्वलित कर की. मंच का संचालन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दिवाकर पांडेय ने किया. लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपायुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि इससे दोनों पक्षों का समय और खर्च बचता है. इसमें न कोई हारता है और न ही कोई जीतता है. एसपी हेमंत टोप्पो ने कहा कि लोगों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत रखने के लिए छोटे मोटे मतभेदों को भुला कर हमें सुलह का रास्ता चुनना चाहिए. श्रम न्यायालय के पीठासीन पदाधिकारी आरके जुमनानी ने कहा कि लोक अदालत में निर्णायक फल मिलता है, जिसकी अपील नहीं होती है.
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एसके पांडेय ने कहा कि जिस समाज में न्याय की व्यवस्था नहीं है, वहां कुछ नहीं हो सकता है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कंसारी मंडल ने भी लोक अदालत के गठन और महत्व पर प्रकाश डाला. मौके पर डालसा सचिव अनिल कुमार पांडेय, कुटुंब न्यायाधीश पीके सिंह, डीजे प्रथम विजय कुमार शर्मा, पीके सिन्हा, एनके सिन्हा, एसके सिंह, डीके मिश्र, एसपी ठाकुर, राजीव त्रिपाठी, विश्वनाथ उरांव, कल्पना हजारिका, ओम प्रकाश, जनार्दन सिंह, विजय शंकर सिंह, प्रताप चंद्रा, मनोरंजन कुमार समेत डालसा के अधिवक्ता मौजूद थे. समारोह को सफल बनाने में कोर्ट कर्मी राजीव रंजन ने अहम भूमिका निभायी.
19 बेंच लगा कर हुआ मामलों का निष्पादन
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में 19 बेंच लगा कर छह लाख 68 हजार 524 मामलों का निष्पादन कर 16 करोड़ 11 लाख 17 हजार 169 रुपये की वसूली की गयी.