धनबाद: पहला उद्देश्य स्कूलों को मूलभूत सुविधाएं देना है, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है. शिक्षकों की कमी जुलाई महीने में शिक्षक नियुक्ति से पूरी हो जायेगी. हमारा उद्देश्य सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है.
हमारे पास तंत्र है, पर उसकी भी अपनी सीमा है. इसी को देखते हुए सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं की सहभागिता का निर्णय लिया. ये बातें उपायुक्त प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को न्यू टाउन हॉल में कही. वह पंचायती राज संस्थाओं को प्राथमिक शिक्षा की शक्ति व कार्यो के हस्तांतरण पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इससे हम अंतिम लक्ष्य तक पहुंच पायेंगे. अच्छा अनुश्रवण होगा, तो कार्यक्रम भी अच्छे होंगे. मौके पर जिप अध्यक्षा माया देवी ने कहा कि अधिकार मिलने से स्कूलों की स्थिति में सुधार होगा.
स्कूल में मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : डिप्टी मेयर नीरज सिंह ने कहा कि यूपीएससी निकालने वाले कई सरकारी स्कूलों से ही पढ़े हैं. लोग आज सरकारी नौकरी या सुविधा लेने के लिए लंबी लाइन लगा देते हैं, लेकिन सरकारी स्कूल या अस्पताल कोई जाना नहीं चाहता. बच्चे केवल एमडीएम, पोशाक या पुस्तक के लिए ही स्कूल न जायें, बल्कि उन्हें स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिले.
स्कूल का संचालन और बेहतर होगा : डीइओ डीडी राय ने कहा कि बुनियादी जानकारी व अनुभव केवल जनप्रतिनिधियों को है. शिक्षक का समय पर स्कूल नहीं आना व एमडीएम का दुरुपयोग आदि आम शिकायतें शिक्षा के क्षेत्र में रहती हैं. शक्ति व कार्यो के हस्तांतरण के बाद यह कार्य और भी बेहतर हो पायेंगे. कार्यशाला में प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के प्रावधानों को भी बताया गया. कार्यशाला में एसएसए की पत्रिका नयी दिशा का भी विमोचन किया गया. मंच का संचालन जिला साक्षरता वाहिनी के मुमताज आलम ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डिप्टी डीएसइ एमके पांडेय ने दिया.
कौन-कौन थे उपस्थित : इस मौके पर मंच पर डीडीसी रतन कुमार गुप्ता, चिरकुंडा नगर पंचायत अध्यक्ष डब्लू बाउरी, उपाध्यक्ष फिरोज अंसारी, सीएस अरुण कुमार सिन्हा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बंधु फर्नाडीस, जिला कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण आदि मौजूद थे. वहीं दर्शक दीर्घा में मुखिया, नगर निगम के वार्ड पार्षद, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य आदि.