धनबाद : सर मेरे बच्चे का पोस्टमार्टम मत कीजिए, उसे अपने साथ ले जाने दीजिए. पहले तो आप लोगों ने सही से इलाज नहीं किया. अब कहते हैं बच्चा मर गया. मेरा लाल मरा नहीं जिंदा है. सांप का विष उतरने से वह बच सकता है. यह फरियाद बार-बार मुकुंदा से आये किरण निषाद कर रहे थे.
पीएमसीएच में किरण के दस वर्षीय पुत्र काजल कुमार की मौत सर्पदंश से मंगलवार की शाम हो गयी. मामले को लेकर चिकित्सकों व परिजनों में काफी बकझक हुई. नौबत मारपीट तक आ पहुंची. परिजनों की जिद के आगे पुलिस व पीएमसीएच प्रबंधन को झुकना पड़ा. जबरन बिना पोस्टमार्टम कराये परिजन शव को अपने साथ ले गये.
* इमरजेंसी में जाकर हंगामा
परिजनों की फरियाद अनसुनी कर जब पुलिस व चिकित्सक पोस्टमार्टम कराने पर अड़े रहे, तब परिजन इमरजेंसी पहुंच गये और चिकित्सक से धक्का मुक्की करने लगे. मारपीट होते होते बची. काफी संख्या में महिलाएं भी थी. वह किसी भी कीमत पर कुछ सुनने को राजी नहीं थी. निजी गार्ड व पुलिस के जवान भी वहां पहुंच गये. लेकिन परिजन बच्चे को बिना पोस्टमार्टम कराये ले जाने पर अड़े रहे.
चिकित्सक का कहना था कि पोस्टमार्टम होने पर ही हम कागजात देंगे. पुलिस के आने के बाद किसी तरह से मामला शांत हुआ. परिजन शव को लेकर अपने साथ चले गये. उनका मानना था कि सर्पदंश का मामला झाड़-फूंक से ठीक हो जाता है. इधर, पीएमसीएच प्रबंधन का कहना है कि जब-तक समाज जागरूक नहीं होगा, ऐसे मामले होते रहेंगे.