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धनबाद : पीएमसीएच के कूड़े में मिली थी लाश, अब पिता का शव पाने के लिए भटक रहा है बेटा
अर्थी थी तैयार, लेकिन शव नहीं आया तीन दिनों से मेडिकल कॉलेज के मॉर्चरी में रखा हुआ है शव इलाज के अभाव में सफाई सेवक रोशन की हो गयी मौत धनबाद : पीएमसीएच में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला आया है. कूड़े के ढेर में मिले जमाडा के सफाई सेवक रोशन कुमार का […]
अर्थी थी तैयार, लेकिन शव नहीं आया
तीन दिनों से मेडिकल कॉलेज के मॉर्चरी में रखा हुआ है शव
इलाज के अभाव में सफाई सेवक रोशन की हो गयी मौत
धनबाद : पीएमसीएच में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला आया है. कूड़े के ढेर में मिले जमाडा के सफाई सेवक रोशन कुमार का शव लेने बेटा धरम कुमार पहुंचा, तो उसे सोमवार को आने की बात कह कर वापस भेज दिया गया. इससे पहले पुलिस से कागजी प्रक्रिया करायी गयी.
परिजनों का कहना है कि कागजी प्रक्रिया कराने के बाद पीएमसीएच अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी के पास गये, तो शव का पोस्टमार्टम किया गया. पर शव नहीं मिला. उन्हें सोमवार को आने को कहा गया है. इसके बाद परिजन घर चले गये.
अंतिम संस्कार की थी तैयारी : मृत जमाडाकर्मी के पुत्र और कुछ रिश्तेदार शव लेने गये थे, वहीं करीबी झरिया माडा कॉलोनी स्थित उसके घर के बाहर अर्थी तैयार कर रहे थे. अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी हाे गयी थी, लेकिन रात करीब आठ बजे रिश्तेदार बिना शव के घर पहुंचे.
दो दिनों से भटक रहे परिजन : 30 नवंबर को रोशन के रिश्तेदारों ने शव की पहचान कर ली थी. अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी ने पुलिस का केस होने की बात कह कर वहां से जाने को कह दिया था. रविवार की सुबह रोशन के बेटा धरम कुमार और फूफा जगनी समेत समेत पहचान वाले पीएमसीएच शव लेने पहुंचे, तो कागजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा. सरायढेला पुलिस के पहुंचने के बाद दोपहर करीब 12.30 बजे से कागजी प्रक्रिया शुरू हुई.
कागज में गड़बड़ी : पुलिस की ओर से तैयार कागज में गड़बड़ी थी. इस कारण फिर से कागज बनवा कर लाने को पोस्टमार्टम हाउस में कहा गया.
सरायढेला पुलिस को फिर से सूचना दी गयी. जानकारी पाकर पुलिस अस्पताल पहुंची. उसके बाद कागजी प्रक्रिया पूरी की गयी. शाम के करीब 4.30 बज गये थे. इसके बाद शव लेने के लिए परिजन कागज को लेकर अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी के पास पहुंचे. इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन शव उन्हें दिया नहीं गया. परिजनाें काे सोमवार को बुलाया गया है.
लीवर की होगी जांच : रोशन का पोस्टमार्टम किया गया है. एक लीवर को हिस्ट्रो पैथोलॉजी जांच के लिए प्रिजर्व किया गया है. सोमवार को उसकी जांच करायी जायेगी. जानकारी के अनुसार उसका एक लीवर काम नहीं कर रहा था. जांच रिपोर्ट से ही मौत के कारण का पता चलेगा.
चार साल बची थी नौकरी : रोशन पहले जमाडा के झरिया क्षेत्र में सफाई सेवक था. करीब डेढ साल पहले उसे जामाडोबा भेज दिया गया था, लेकिन बीमार रहने के कारण वह करीब एक साल से काम नहीं कर रहा था.
चार माह पहलेे कर्मचारियों के कहने पर वह फिर से काम पर आया था. तीन दिन काम किया. इसके बाद नहीं आया.जमाडा ने 10 हजार की सहायता राशि दी : जमाडा कर्मचारी मो असलम की पहल पर जमाडा ने 10 हजार रुपये दिये. इस राशि से उसके अंतिम संस्कार की तैयारी की गयी है. वही कर्मचारियों के सहयोग से अस्पताल व थाने की प्रक्रिया करायी जा रही थी. कर्मचारियों की मानें, तो उसका करीब 40 माह का वेतन बकाया है.
पैसे के अभाव में नहीं करा पा रहा था इलाज
जमाडा के सफाई सेवक रोशन कुमार की मौत का कारण पैसे का अभाव भी था. रोशन ने इलाज के लिए एक साल पहले जमाडा से अपने बकाया वेतन की मांग की थी. पैसे नहीं मिलने से वह बेहतर इलाज नहीं करा पा रहा था. डेढ़ साल पहले वह पीएमसीएच में भर्ती हुआ था. उसे लीवर से संबंधित शिकायत थी. तभी चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज की सलाह दी थी, लेकिन पैसे के अभाव में वह बाहर नहीं जा सका. 29 नवंबर को उसका शव पीएमसीएच के पीछे कचड़े के ढेर में मिला.
एक साल पहले पत्नी की हो गयी थी मौत
एक साल पहले रोशन की पत्नी सिरातो देवी की मौत हो गयी थी. उसे किडनी की बीमारी थी. पैसे के अभाव में रोशन अपनी पत्नी का बेहतर इलाज नहीं करा पाया था. उसे पीएमसीएच में लाया गया था. यहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी थी. अब उसके परिवार में सिर्फ एक बेटा धरम बचा है.
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