धनबाद : केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय कमेटी ने कोल सेक्टर के निजीकरण की सिफारिश की है. इस कमेटी में कैबिनेट सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, कोयला सचिव एवं नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी शामिल हैं. कमेटी की अनुशंसाओं काे एफडीआइ के मार्ग को सुगम बनाने का एक हिस्सा माना जा रहा है. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर इस आशय की खबर चल रही है.
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काेल सेक्टर के निजीकरण को लेकर हुई सिफारिश!
धनबाद : केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय कमेटी ने कोल सेक्टर के निजीकरण की सिफारिश की है. इस कमेटी में कैबिनेट सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, कोयला सचिव एवं नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी शामिल हैं. कमेटी की अनुशंसाओं काे एफडीआइ के मार्ग को सुगम बनाने का एक हिस्सा माना जा रहा है. […]
खबर के मुताबिक कमेटी ने कोयला उद्योग की मूल नीतियों में परिवर्तन करते हुए निजीकरण की सिफारिश की है. अखबार के अनुसार सिफारिश हुई है कि एक साल के रोडमैप के तहत कैप्टिव कोल ब्लॉक काे बंद करते हुए सभी सुविधाएं व्यावसायिक खनन के लिए उपलब्ध करायी जाए. अब खदानों की नीलामी व्यावसायिक खनन के लिए होगी, न कि कैप्टिव के लिए, पहले सीमेंट, पावर आदि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों (पीएसयू) को कोल ब्लॉक बिना बिडिंग में भाग लिए ही आवंटित होते थे.
कमेटी के अनुसार अब ऐसा नहीं होगा. कोल ब्लॉक लेने के लिए उन्हें भी बिडिंग में भाग लेना होगा.कमेटी ने सबसे बड़ी अनुशंसा यह की है कि कोल इंडिया की वाशरियों का निजीकरण किया जाए, ताकि इंपाेर्ट कम हो सके. इतना ही नहीं, कोकिंग कोल की खदानें 20 साल के लिए निजी कंपनियों को दे दी जाए. कोल इंडिया की घाटेवाली या नन ऑपरेशनल 222 खदानों को उत्पादन शेयर के आधार पर नीलाम किया जाये.उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने हाल ही में काेयला सेक्टर में 100 फीसदी विदेशी निवेश की सिफारिश की है.
जानकार नयी सिफारिश काे एफडीआइ को सरल एवं सुगम बनाने का हिस्सा मानते हैं. हालांकि सरकार के 100 फीसदी एफडीआइ के फैसले के विरोध में यूनियनों ने कोल सेक्टर में हड़ताल का नोटिस दिया है. सेंट्रल ट्रेड यूनियनाें ने 24 सितंबर काे संयुक्त रूप से हड़ताल का नाेटिस दिया है, जबकि भारतीय मजदूर संघ ने 23 सितंबर से 27 तक हड़ताल की घाेषणा की है.
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