मुगमा : निरसा थानांतर्गत इसीएल मुगमा क्षेत्र की कापासारा ओसीपी में बुधवार की सुबह चाल धंसने से अवैध रूप से कोयला काट रहे चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि छह लोग घायल हो गये. इसीएल के मुगमा एरिया में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. जहां भी आउटसोर्सिंग कंपनी संचालित है, वहां अवैध कोयला के लूट मची है. प्रबंधन के पास न तो कोई सुरक्षा गार्ड है और न ही आउटसोर्सिंग का सुरक्षा गार्ड. पेट की आग बुझाने के लिए प्रतिदिन लोग मौत के मुंह में जाकर कोयला काटते हैं.
अवैध कोयला को साइकिल व स्कूटर के माध्यम से नदी घाट के रास्ते कालूबथान होते हुए रघुनाथपुर व निरसा होते हुए जामताड़ा भेजा जाता है. इसके अलावा रात के अंधेरे में क्षेत्र के चिह्नित उद्योग, रिफैक्ट्री सहित अन्य उद्योगों में खपाया जाता है. एक आंकड़े के अनुसार एक आउटसोर्सिंग से प्रतिदिन लगभग एक सौ टन से अधिक कोयला की लूट होती है. समय समय पर पुलिस, सीआइएसएफ, सुरक्षा टीम द्वारा छापेमारी होती है. लेकिन इसके तुरंत बाद यह धंधा पुन: जारी हो जाता है. ज्ञात हो कि इसके पूर्व निरसा-मुगमा क्षेत्र के भूमिगत बंद खदानों से अवैध खनन का कार्य होता था. खदानों को फ्लाई एश से भराई कराये जाने के बाद आउटसोर्सिंग के आसपास यह धंधा शुरू हो गया है.
चाल धंसते ही मची भगदड़
हर दिन की तरह बुधवार की सुबह चार बजे 200 से अधिक की संख्या में महिला-पुरुष अवैध तरीके से कोयला काटने के लिए आउटसोर्सिंग के समीप पहुंचे. उक्त लोगों द्वारा आउटसोर्सिंग के समीप मुहाना बनाकर कोयला काटा जा रहा था. जिस स्थान पर मलबा गिरा है, वहां करीब एक दर्जन से अधिक लोग कोयला काट रहे थे. इसी बीच मुहाने के अंदर ऊपर से चाल धंस गयी. इससे कोयला काट रहे लोग दब गये. उसी में लोगों की जान चली गयी. इस बीच मची अफरातफरी में कुछ लोग दूसरे मुहाने के रास्ते बाहर निकल भागे. लेकिन कुछ लोग अंदर ही दब गये. इसके बाद वहां भगदड़ मच गयी. कुछ लोग घायल हो गये, उनमें लगभग सभी लोग हीड़बांध व आसपास के बताये जाते हैं. उनका इलाज गुप्त रूप से किया जा रहा है.