धनबाद: कहने को तो सरकार ने पूरे देश में खुलेआम व सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा व सिगरेट पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन जिला में इसका पालन नहीं किया जा रहा है. तंबाकू अधिनियम (कोटपा-2003) लागू होने के बाद से अब तक जिले में इसके लिए एक बार भी कोई पहल नहीं की गयी.
लिहाजा सार्वजनिक स्थानों तो दूर सरकारी व शैक्षणिक संस्थानों के भी आसपास सिगरेट व गुटखा बिक रहे हैं. धनबाद में भी इस अधिनियम को कड़ाई से पालन करने के लिए 29 जनवरी को जिला स्तरीय बैठक हुई थी. इसके लिए तमाम आलाधिकारियों को कमेटी बना कर जगह-जगह छापामारी करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ. अधिकारी बताते हैं कि लोकसभा चुनाव को कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी.
इस अधिनियम के पालन के लिए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जयंत कुमार को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. ज्ञात हो कि भारत विश्व का दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन किया जाता है. इससे ग्रसित हो कर आठ से नौ लाख लोगों की मौत हो जाती है. इतनी मौतें टीवी, एड्स, मलेरिया या दूसरी ऐसी बीमारी से भी नहीं होती है.
सिगरेट व तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में इजाफा
जिला नन क्म्यूनिकेबल डिजीज (एनसीडी) सेल ने वर्ष 2013-14 में शहर के लोगों से सिगरेट व तंबाकू के बारे में पूछताछ की थी, जिसमें काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. सेल ने दो लाख 25 हजार 629 लोगों से पूछताछ की. इनमें 22156 लोगों ने बताया कि सिगरेट पीते हैं, इसकी तरह से 29477 लोगों ने बताया कि वे तंबाकू का सेवन करते हैं.
आज डीसी की अध्यक्षता में बैठक
31 मई तो विश्व तंबाकू निषेध दिवस को लेकर डीसी प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में कोटपा टीम की बैठक होगी. इसमें कोटपा अधिनियम के पालन में आ रही अड़चने व जल्द लागू करने पर चर्चा की जायेगी. बैठक में मुख्य रूप से दिल्ली से प्रशिक्षण देने वाली संस्था सीड्स के पदाधिकारी दीपक मिश्र व रांची से भी वरीय अधिकारी आ रहे हैं.