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सरकारी चिकित्सा सुविधा से दूर भूलीवासी
धनबाद : भूली की लगभग एक लाख की आबादी सरकारी चिकित्सकीय सेवा से महरूम है. इलाके में एक भी ऐसा अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, जहां मरीजों का 24 घंटे इलाज हो पाये. भूली के शिवपुरी में दो वर्ष पूर्व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया था. लेकिन इस केंद्र में भी नाम मात्र […]
धनबाद : भूली की लगभग एक लाख की आबादी सरकारी चिकित्सकीय सेवा से महरूम है. इलाके में एक भी ऐसा अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, जहां मरीजों का 24 घंटे इलाज हो पाये. भूली के शिवपुरी में दो वर्ष पूर्व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया था. लेकिन इस केंद्र में भी नाम मात्र का इलाज होता है. केंद्र का खुलने का समय शाम चार बजे से शाम सात-आठ बजे तक हैं. ऐसे में इतनी बड़ी आबादी के बीच केंद्र से नाम मात्र का फायदा ही मिल पाता है. ऐसे मेंमरीजों को गंभीर स्थिति में छह किमी दूर शहर आना पड़ता है.
सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है. बिना शहर जाने के कोई रास्ता नहीं बचता है. दो-तीन निजी क्लीनिक हैं, जहां सामान्य प्रसव कराया जाता है. कुछ प्राइवेट चिकित्सक सप्ताह में दो या तीन दिन मेडिकल स्टोरों में आते हैं, चिकित्सक के आने के बाद पहले से ही मेडिकल स्टोरों में काफी भीड़ हो जाती है.
न स्थायी चिकित्सक, न दवा का इंतजाम : शहरी केंद्र को शाम चार बजे से रात आठ बजे तक खोलने का प्रावधान है. इसके पीछे का तर्क है कि शहर में रहने वाले गरीब मरीज दिन में काम या मजदूरी के लिए चले जाते हैं. शाम में ही मजदूर लौटते हैं. ऐसे में शाम में ही खोला जाता है. हालांकि आसपास के लोगों का कहना है शाम में भी नियमित केंद्र नहीं खुलता है. केंद्र में न पर्याप्त चिकित्सक हैं, न दवा या इंडोर सेवा की कोई व्यवस्था. केंद्र में स्थायी चिकित्सक का पद शुरू से खाली है. मात्र एक पार्ट टाइम चिकित्सक हैं. केंद्र में पैथोलॉजी की सेवा भी मरीजों को नहीं मिलती है.
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