धनबाद: पीएमसीएच के फार्माकोलॉजी विभाग में सात शिक्षकों की जगह मात्र तीन शिक्षक ही बचे हैं. विभाग के पास अपना सेमिनार रूम भी नहीं है. विभाग में कई जरूरी उपकरणों की भी कमी है. फिलहाल विभाग के पास तीन कर्मचारी है. इसमें एक एलटी, एक लैब असिस्टेंट व एक क्लर्क है. विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है. एक असिस्टेंड प्रोफेसर व मात्र दो टय़ूटर हैं. मैन पावर की कमी के कारण स्टूडेंटों को पढ़ाने में शिक्षकों को भारी परेशानी होती है.
लाइब्रेरी में 325 फार्माकोलॉजी के किताब : पीएमसीएच के सेंट्रल लाइब्रेरी में कुल किताबों की संख्या 46,533 है, लेकिन इसमें से मात्र 325 किताब ही फार्माकोलॉजी से संबंधित हैं. कई महत्वपूर्ण किताबें यहां नहीं हैं. वहीं जर्नल का भी अभाव है. अंतिम तीन वर्षो में लाइब्रेरी के लिए 12, 616 किताब खरीदे गये, जिसमें फार्माकोलॉजी की मात्र 24 किताब ही खरीदी गयीं.
क्या है फार्माकोलॉजी विभाग
एमबीबीएस की पढ़ाई में फार्माकोलॉजी काफी महत्वपूर्ण होता है. दवा व रसायन से संबंधित तमाम जानकारी इसी विभाग के माध्यम से मेडिकल छात्रों को मिलती है. फार्माकोलॉजी के तहत ही छात्र जान पाते हैं कि किस रसायन को क्यों व कैसे दिया जाता है. किसे गोली व किसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. कौन से रसायन का क्या प्रभाव व कितना होता है. इस तरह की तमाम जानकारियां इसी विभाग से मिलती है.
एमसीआइ टीम ने किया था निरीक्षण
पीएमसीएच में पीजी की पढ़ाई के लिए प्रबंधन की ओर से फार्माकोलॉजी विभाग की भी सूची भेजी गयी थी, लेकिन एमसीआइ की टीम ने इसे अस्वीकार कर दिया था. हाल ही में टीम ने मेडिकल कॉलेज के इस विभाग का निरीक्षण किया था. टीम ने पाया कि विभाग के पास कई महत्वपूर्ण उपकरण नहीं हैं. डोमेंस्ट्रेशन रूम नहीं है. ड्रग म्यूजियम है, फिर भी इसे अपडेट नहीं किया गया है.
मैनपावर की कमी
फार्माकोलॉजी विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है. इसमें दवा व रसायनों पर अध्ययन होता है. विभाग में मैन पावर की कमी है. मुख्यालय को इससे अवगत कराया गया है.
डॉ पीके सेंगर, प्राचार्य, पीएमसीएच.