धनबादः धनबाद की लाइफ लाइन नया बाजार-बैंक मोड़ ओवरब्रिज खतरे में है और किसी भी समय हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. राष्ट्रीय उच्च पथ की यह रिपोर्ट ठंडे बस्ते में पड़ी है. इसका कोई वैकल्पिक उपाय नहीं किया जा रहा है. जबकि धनबाद के अधिवक्ता आरपी चौधरी ने इस सिलसिले में राज्य मानवाधिकार आयोग में केस फाइल किया हुआ है.
अब तक की कार्रवाई
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में उपायुक्त धनबाद से जवाब तलब किया. उपायुक्त की पहल पर जिला प्रशासन ने कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल विभाग, से रिपोर्ट मांगी. पथ प्रमंडल की ओर से कहा गया कि यह मामला राष्ट्रीय उच्च पथ ( एनएच 32) से संबंधित है. तब जिला प्रशासन व आयोग ने राष्ट्रीय उच्च पथ से रिपोर्ट मांगी.
राष्ट्रीय उच्च पथ की रिपोर्ट
राष्ट्रीय उच्च पथ के सहायक अभियंता ने अपने पत्रंक संख्या 41 / 12-2-2013 में जो रिपोर्ट दी है, वह इस प्रकार है. बिना विभाग से स्वीकृति लिये पीएचइडी-1 धनबाद की ओर से ओवरब्रिज की दाहिनी ओर एक मीटर व्यास की जलापूर्ति पाइप बिछायी गयी है, जिससे भारी मात्र में जलापूर्ति होने से लोड काफी बढ़ा है. साथ ही बिना स्वीकृति केओवरिब्रज पर रोड लाइट पोस्ट तथा डिवाइडर का निर्माण कराया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवर ब्रिज काफी पुराना व कमजोर है. लंबे समय से इसकी ठीक ढंग से मरम्मत नहीं हुई. इसके अतिरिक्त वर्तमान में ट्रैफिक डेंसिटी के बढ़ने एवं ट्रक, हाइवा में ओवर लोडिंग के कारण लोड की भारी बढ़ोतरी ने ब्रिज को प्रभावित कर दिया है. इधर, एनएच के कार्यपालक अभियंता की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिज पर 0335 मैट्रिक टन / प्रति वर्ग मीटर लोड है. साथ ही अतिरिक्त रूप से लाइव लोड में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में ब्रिज खतरे में है.