धनबाद : पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए किसी भी तरह की काली चीज धारण कर आने की मनाही थी. खासकर काले कपड़े पहन कर आने वालों की तो जैसे शामत थी. काले कपड़े पहने कई अनजान लोग सुरक्षा जांच के दौरान काफी परेशान हुए. सभा में हर एक व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से होकर जाना पड़ रहा था. यहां सुरक्षा कर्मी काले कपड़े उतरवा ले रहे थे. किसी की शर्ट, किसी की गंजी, टोपी, छतरी, जूता, मोजा, बेल्ट भी उतरवा लिये गये.
निरसा प्रखंड के आंकद्वारा निवासी तापस मंडल की शर्ट जवानों ने उतरवा ली. तापस के ऊपरी हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं बचा. उसने सुरक्षा कर्मियों से पूछा- सर, शर्ट-गंजी आप लोगों ने खुलवा ली, अब खुले बदन कैसे कार्यक्रम में जायें. महिलाओं का काला दुपट्टा और पर्स भी बाहर ही रखवा लिया गया.
तपती धूप में ढाई किमी चलना पड़ा पैदल : सभा स्थल से ढाई किमी दूर ही पार्किंग की व्यवस्था की गयी थी. कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म हाउस के खेतों को बराबर कर यहां बसों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गयी थी. बाहर से आने वाली सभी बसों को यहीं रोक दिया गया. यहां से लोग पैदल जा रहे थे. सड़क पर दूर-दूर तक जनसैलाब नजर आ रहा था.
पगड़ी पहने थे मगध-आम्रपाली के कर्मी : सीसीएल की मगध आम्रपाली परियोजना के कर्मचारी कार्यक्रम में अलग अंदाज में नजर आये. यहां के लगभग एक सौ कर्मचारी सफेद शर्ट व लाल रंग की पगड़ी पहन कर आये थे. कर्मचारियों का उत्साह देखते बन रहा था. कर्मी मोबाइल से सेल्फी ले रहे थे.
एलइडी स्क्रीन में ही लोगों ने मोदी के दर्शन किये : कार्यक्रम स्थल पर इतनी भीड़ थी कि लोगों को एलइडी स्क्रीन पर मोदी के दर्शन कर संतुष्ट होना पड़ा. जिन लोगों को आगे जगह नहीं मिली वह एलइडी स्क्रीन के सामने बैठ कर मोदी जी के दर्शन किये. जगह-जगह एलइडी स्क्रीन लगायी गयी थीं.
किसी से गंजी मांगी, तो किसी से गमछा
निरसा के सालूकचपड़ा निवासी विक्रम योगी की काली शर्ट जवानों ने जब्त कर ली. विक्रम ने बताया कि उसकी शर्ट काली नहीं, बल्कि नीली है. बावजूद जवानों पर कोई असर नहीं पड़ा. विक्रम के भी शरीर के ऊपरी हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं बचा था. उसने दूसरे व्यक्ति से गंजी मांगी. तब गंजी पहन कर सभा स्थल पर गया. एक और युवक दूसरे से गमछा मांग अंदर गया.
भीषण गर्मी में भी अंत तक डटे रहे लोग
आम लोगों के लिए बने थे 40 प्रवेश द्वार
सभा स्थल में प्रवेश करने के लिए 40 अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाये गये थे. इसमें महिला-पुरुष के लिए अलग अलग व्यवस्था थी. मेटल डिटेक्टर लगाया गया था. प्रवेश द्वार एक से लेकर 40 तक सभी में काफी भीड़ थी. अंदर जाना बहुत मुश्किल था. एक-एक द्वार पर आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस फोर्स तैनात थी. जेब से लेकर पूरे शरीर की जांच की जा रही थी. महिला-पुरुष व बच्चों तक को जांचने के बाद अंदर भेजा जा रहा था. यदि कोई काला कपड़ा पहन कर आ गया था तो उसे प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. सिर्फ मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति थी. पानी की बोतल से लेकर अन्य सामान ले जाने पर पूरी तरह से रोक थी.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभा
सभास्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी. शुक्रवार की सुबह नौ बजे से लोग पहुंचने लगे थे. सभी लोग अपने पीएम को ज्यादा सामने से देखने चाहते थे. जबकि दूर-दराज से आने वाले लोग सुबह दस बजे तक अपनी-अपनी कुर्सी पकड़ कर बैठ गये थे. जिन लोगों को पता था कि अपराह्न पौने चार बजे पीएम आयेंगे और उसके ठीक एक घंटा पहले पहुंचने वाले लोगों को बहुत पीछे स्थान मिला. लेकिन उसके बाद भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ और आखिरी तक डटे रहे. बहुत सारे लोग बाहर ही रह गये.