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प्रशासन के आमंत्रण पत्र को फाड़ दिया
अधिवक्ता अश्विनी कुमार को अभियक्त बनाकर जेल भेजने के मामले में न्यायिक जांच की मांग को लेकर बुधवार से शुरू हुआ अधिवक्ताओं का आंदोलन शुक्रवार तीसरे दिन भी जारी रहा. जिला प्रशासन के आमंत्रण पत्र को बार महासचिव ने फाड़ दिया और धरनास्थल पर ही अधिकारी को बुलाने की मांग की. धनबाद : शुक्रवार सुबह […]
अधिवक्ता अश्विनी कुमार को अभियक्त बनाकर जेल भेजने के मामले में न्यायिक जांच की मांग को लेकर बुधवार से शुरू हुआ अधिवक्ताओं का आंदोलन शुक्रवार तीसरे दिन भी जारी रहा. जिला प्रशासन के आमंत्रण पत्र को बार महासचिव ने फाड़ दिया और धरनास्थल पर ही अधिकारी को बुलाने की मांग की.
धनबाद : शुक्रवार सुबह सात बजे से ही धनबाद बार एसोसिएशन के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता पहुंचे, वे जुलूस निकाल कर रणधीर वर्मा चौक पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं धनबाद के अधिवक्ताओं को समर्थन देने जमशेदपुर बार एसोसिएशन के महासचिव सह झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य अनिल कुमार तिवारी पहुंचे. उन्होंने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज पुलिस और न्यायाधीश मिलकर न्याय दिलाने का काम कर रहा है, जिससे अधिवक्ताओं की यह गति हो रही है.
यदि जिला प्रशासन अपने रवैये में बदलाव नहीं लाता है और अधिवक्ता को जेल से रिहा नहीं करता है तो कोल्हान के लातेहार, जमशेदपुर, चाईबासा बार एसोसिएशन के अधिवक्ता धनबाद के अधिवक्ताओं के समर्थन में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करेंगे. देवघर व हजारीबाग में शनिवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करनेवाले हैं.
आंदोलन में ये थे शामिल : मौके पर शहनबाज, दिलीप चक्रवर्ती, अहमद हुसैन अंसारी, पूर्व अध्यक्ष समर श्रीवास्तव, जया कुमार, पूर्व महासचिव देवी शरण सिन्हा, उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो ने अपने विचार वक्त किये.
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष कंसारी मंडल, पीके भट्टाचार्य, अनिता आचार्या, एके सहाय (पूर्व जीपी), राजदेव यादव, जयदेव कुम्हार, सुबोध कुमार, अमित सिंह, ब्रज किशोर, आनंद मिश्रा, दीप नारायण भट्टाचार्य समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे. बार काउंसिल सदस्य प्रयाग महतो व प्रशांत कुमार सिंह ने भी अधिवक्ताओं का मनोबल बढ़ाया.
अधिवक्ता की पत्नी की शिकायत पर एफआइआर दर्ज करने की मांग : अधिवक्ता अश्विनी कुमार की पत्नी नम्रता द्वारा बार अध्यक्ष व महासचिव को दिये गये शिकायत पत्र को शुक्रवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी व महासचिव विदेश कुमार दां ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर एसएसपी धनबाद को प्रेषित कर दिया.
उसमें आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गयी. अधिकारी द्वय द्वारा भादवि की धारा 395 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी है.
मुख्य न्यायाधीश को नहीं सौंपा गया ज्ञापन : झारखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के बाहर रहने के कारण शुक्रवार को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी व महासचिव विदेश कुमार दां रांची नहीं गये, जिस कारण ज्ञापन नहीं दिया जा सका.
हाइकोर्ट में दायर पीआइएल पर हुई सुनवाई : गढ़वा में पुलिस द्वारा अधिवक्ता आशीष दुबे के साथ की गयी मारपीट के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
माननीय न्यायाधीश ने आरोपी पुलिस के खिलाफ सीपी केस दर्ज करने व न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है. धनबाद मामले में भी पीआइएल दायर की जायेगी. हाइकोर्ट ने सरकार के एक आला अधिकारी से जिले के अधिवक्ताओं के साथ पुलिस द्वारा की गयी ज्यादती की रिपोर्ट भी आठ मई तक मांगी है.
गृह सचिव या मुख्य सचिव धनबाद आ कर वार्ता करें : बार एसो.
धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राधेश्याम गोस्वामी व महासचिव विदेश कुमार दां ने संयुक्त रूप से कहा कि जब तक अधिवक्ता अश्विनी कुमार के मामले में न्यायिक जांच शुरू नहीं होती है और झारखंड सरकार के आला अधिकारी मुख्य सचिव या गृह सचिव धनबाद आकर वार्ता नहीं करते हैं, तब तक अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रहेगा.
धरनास्थल या बार कार्यालय में आकर वार्ता करे प्रशासन : विदेश दां
जिला प्रशासन की ओर से विशेष कार्य पदाधिकारी (गोपनीय शाखा) ने बार अध्यक्ष को वार्ता के लिए आमंत्रण पत्र भेजा, जिसे धरनास्थल पर ही बार महासचिव ने फाड़ कर फेंक दिया. उन्होंने कहा कि बैठक जिला प्रशासन के कार्यालय में नहीं होगी.
जिन पदाधिकारी को वार्ता करनी है, उन्हें बार कार्यालय या धरनास्थल पर आना होगा. श्री दां ने कहा कि अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर 10 मई को धनबाद में महासभा होगी, जिसमें झारखंड राज्य के सभी जिला के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन शामिल होंगे.
अधिवक्ता के पक्ष में पड़ोसियों ने एसएसपी को दिया पत्र
अधिवक्ता अश्विनी कुमार के पड़ोसी द्वारा साजिश के तहत झूठा आरोप लगाने काे लेकर उनके 40 पड़ोसियों ने अपने मोबाइल नंबर के साथ वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर सही जांच करने का आग्रह किया है.
पड़ोसियों ने अपने आवेदन में कहा है कि 27 अप्रैल की रात नौ बजे मनोज ठाकुर एवं अन्य 4-5 व्यक्ति शराब के नशे में अधिवक्ता अश्विनी कुमार के पुराना बाजार अवस्थित आवासीय कार्यालय में गाली गलौज करने लगे, जिसका अधिवक्ता ने विरोध किया था. बिजली तार को ले जाने को लेकर भी विवाद हुआ था. इसी को लेकर अधिवक्ता पर छेड़खानी का झूठा आरोप लगाया गया है. पड़ोसियों ने आवेदन की एक प्रति बार एसोसिएशन को भी भेजी है.
चेंबर व मायुमं के केस की पैरवी नहीं करेंगे : मुकुल
बार कोषाध्यक्ष मुकुल कुमार ने कहा कि कृष्णा अग्रवालद्वारा अधिवक्ताओं को नौटंकीबाज कहना निंदनीय है. अब चेंबर ऑफ कॉमर्स व मारवाड़ी युवा मंच से जुड़े लोगों के केस की पैरवी धनबाद बार के अधिवक्ता नहीं करेंगे. सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर से मांग की कि अधिवक्ताओं के मान की रक्षा के लिए सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्द पास करे.
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