धनबाद: उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल का एक मात्र मेडिकल कॉलेज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. चिकित्सक बनाने वाले इस मेडिकल कॉलेज का इससे दुर्भाग्य और क्या होगा कि आज अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा है.
एमसीआइ ने पीएमसीएच में वर्ष (2014-15) के नये सत्र में किसी भी नये एडमिशन पर रोक लगा दी है. इसके साथ सीटों की संख्या में कटौती कर दी है. एमसीआइ का स्पष्ट फरमान है कि आगे बिना आदेश के कोई भी एडमिशन नहीं होगा. इसके लिए पीएमसीएच प्रबंधन ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है. सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है.
धनबाद का है गौरव
कोल कैपिटल के जाने जाने वाले धनबाद के लिए गौरव है पीएमसीएच. यहां से पढ़ कर निकले छात्रों ने देश-विदेश में मेडिकल के क्षेत्र में नाम कमाये हैं. ज्ञात हो कि वर्ष 1969 में पटना में पीएमसीएच की स्थापना की गयी थी. इसके बाद 1970-71 में मेडिकल कॉलेज धनबाद आया. एमसीआइ ने मान्यता प्रदान की.