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दो सौ से कम बच्चे वाले हाइस्कूल भी होंगे बंद

धनबाद : सूबे में प्राथमिक व मध्य व विद्यालयों के विलय को लेकर जारी विरोध अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरी ओर झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना ने उच्च विद्यालयों के विलय की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना ने उच्च विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया के तहत […]

धनबाद : सूबे में प्राथमिक व मध्य व विद्यालयों के विलय को लेकर जारी विरोध अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरी ओर झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना ने उच्च विद्यालयों के विलय की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. झारखंड माध्यमिक शिक्षा परियोजना ने उच्च विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया के तहत 200 से कम छात्रों की संख्या वाले विद्यालयों के अस्तित्व को खत्म करने एलान कर दिया है. इस एलान के साथ ही धनबाद में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यहां भी विद्यालयों की के विलय प्रक्रिया शुरू कर दी है.

सभी बीआरसी से उनके क्षेत्र में स्थित उच्च विद्यालयों की स्थिति, छात्रों व शिक्षकों की संख्या पर रिपार्ट मांगी है. इसको लेकर छह अप्रैल को विभाग द्वारा विशेष बैठक बुलायी गयी है.

इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट : जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बीआरसी से विद्यालयों की मौजूदा छात्रों की संख्या, शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियोंकी संख्या के साथ ही विद्यालय की इमारत की स्थिति और उपलब्ध जमीन पर रिपोर्ट मांगी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. पांच किलो मीटर की परिधि में दो या दो से अधिक विद्यालय वर्तमान में संचालित हैं उसे भी बंद किया जायेगा. माध्यमिक स्तर के वैसे विद्यालय जिनमें 2017-18 के सत्र में नौवीं और दसवीं की कक्षा में छात्रों की संख्या 200 से दम है. इसके साथ ही छठीं, सातवीं और आठवीं में छात्रों की कुल संख्या 300 से कम है.
जनप्रतिनिधियों के दबाव में शिक्षा विभाग : दूसरी ओर प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के विलय को लेकर विभाग के ऊपर भारी दबाव है. जनप्रतिनिधियों के दबाव में अभी कुछ विद्यालयों के विलय के प्रस्ताव से फिलहाल अलग किया जा सकता है. ऐसे विद्यालयों की संख्या 25 से 30 हो सकती है. अभी जिले में प्रखंड शिक्षा समिति द्वारा 186 विद्यालयों को विलय के लिए चिह्नित किया गया है. इसमें सर्वाधिक विद्यालय बाघमारा प्रखंड में 66, टुंडी में 30, झरिया में 26, तोपचांची में 25, धनबाद में 15, निरसा में 11, पूर्वी टुंडी में सात और गोविंदपुर के छह विद्यालय शामिल हैं. जिले में 583 विद्यालयों को सर्वे के बाद विलय के लिए चिन्हित किया गया है. सभी विद्यालयों का दो चरण विलय किया जाना है. पहले चरण में विलय के लिए 186 विद्यालयों की पहचान प्रखंड शिक्षा समिति द्वारा की गयी है.
प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के बाद अब सरकार की टेढ़ी नजर उच्च विद्यालयों पर
उत्क्रमित उच्च विद्यालयों की स्थिति पर मांगी रिपोर्ट
बच्चों के हाथ में बंदूक देने की तैयारी : राजकिशोर
धनबाद को और विकास की जरूरत : मीत ब्रोज
छात्रों के बीच आता है मजा
मनमीत बताते हैं कि उनके प्रशंसकों में युवाओं की संख्या काफी अधिक है, क्योंकि उनका म्यूजिक काफी लाउड होता है. इसे युवा काफी पसंद करते हैं. बताया कि आइआइटी धनबाद से पहले आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली के साथ कई तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शो कर चुके हैं. आज वे जो कुछ भी हैं, उसमें उनके युवा फैंस का बड़ा हाथ है. यहीं वजह कि हमेशा युवाओं की पसंद का ख्याल रखते हैं.
पहली बार शो में हुआ काफी विलंब
स्टार नाइट रात एक बजे शुरू होने पर मनमीत कहते हैं कि ईश्वर नहीं चाहते थे कि वे शाम में अपना शो कर सके. आंधी-बारिश के कारण उन्होंने पहली बार किसी इंस्टीट्यूटशन में रात एक बजे शो किया है. इसके बावजूद आइएसएम का ग्राउंड भरा हुआ था. वे काफी उत्साहित थे. इस पर हरमीत ने मजाकिया लहजे में कहा ईश्वर ने छात्रों को अप्रैल फूल बनाया. आंधी-बारिश की वजह से एक अप्रैल के लिए निर्धारित शो दो अप्रैल हो रहा है.

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