22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहादत दिवस पर विशेष: युवाओं का प्रेरणास्रोत है साझा शहादत

संतोष कुमार महतो करोड़ों परिंदे आसमान पर आज नजर आने लगे हैं शहीदों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की 200 वर्षों के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 23 मार्च, 1931 का दिन बलिदान दिवस व शहीद दिवस के रूप में दर्ज है. देशभक्ति की भावना से सराबोर तीन महान क्रांतिकारी भगत […]

संतोष कुमार महतो

करोड़ों परिंदे आसमान पर आज नजर आने लगे हैं
शहीदों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की
200 वर्षों के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 23 मार्च, 1931 का दिन बलिदान दिवस व शहीद दिवस के रूप में दर्ज है. देशभक्ति की भावना से सराबोर तीन महान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव इस दिन ही हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गये थे. 24 वर्ष से भी कम उम्र में अपने वतन के लिए प्राणों की आहुति देने वाले इन शहीदों सरीखे उदाहरण पूरी दुनिया में दूसरा नहीं मिलता.
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की क्रांतिकारी तिकड़ी भारत के इतिहास में सदैव याद रखी जाएगी. तीनों देशभक्त क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले मंगल पांडेय, झांसी की रानी और खुदीराम बोस सरीखे वीर स्वाधीनता संग्रामियों से प्रेरणा लेते थे और देश की आजादी के बाद बीते सात दशक से भारत के करोड़ों युवाओं को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की क्रांतिकारी तिकड़ी से प्रेरणा मिलती रही है. सात अक्तूबर 1930 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा के अलावा अन्य सात अभियुक्तों को कालापानी की सजा हुई थी. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी देने की घटना ने पूरे भारतवर्ष में अंग्रेजों के प्रति घृणा और आक्रोश पैदा करने का काम किया, जिसकी परिणति 16 वर्षों बाद भारत की स्वतंत्रता के रूप में देखने को मिली.
आज हम नि:संकोच कह सकते हैं कि देश की आजादी में जितना योगदान महात्मा गांधी का था, उतना ही योगदान शहीद भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों का भी. फांसी की सजा होने के बाद भगत सिंह ने कहा था-‘राष्ट्र के लिए हम फांसी के तख्ते पर लटकने को तैयार हैं. हम अपने लहू से स्वतंत्रता के पौधे को सींच रहे हैं, ताकि यह सदैव हरा-भरा बना रहे.’ आईये हम सभी मिलकर आज बलिदान दिवस के मौके पर शहीद भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने का प्रण लें. यही इन वीर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
(लेखक पूर्व जिप उपाध्यक्ष हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें