बिजली दर वृद्धि का मसला. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने की जनसुनवाई, बोले आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद
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3.10 रुपये से 7 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि उचित नहीं, बीच का रास्ता निकालना होगा
बिजली दर वृद्धि का मसला. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने की जनसुनवाई, बोले आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद न्यू टाउन हॉल में सुने गये सभी पक्षों के विचार धनबाद : बिजली दर में वृद्धि के सवाल पर सोमवार को यहां न्यू टाउन हॉल में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जन […]
न्यू टाउन हॉल में सुने गये सभी पक्षों के विचार
धनबाद : बिजली दर में वृद्धि के सवाल पर सोमवार को यहां न्यू टाउन हॉल में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जन सुनवाई का आयोजन किया गया. जिला चेंबर, उद्यमियों और आजसू पार्टी ने बिजली दर बढ़ाने का विरोध किया. आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने अाखिर में अपना मंतव्य देते हुए कहा कि तीन रुपये दस पैसे प्रति यूनिट से सात रुपये प्रति यूनिट बिजली दर कर देना उचित नहीं है. इसके लिए बीच का कोई रास्ता निकालना होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिजली की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए बिजली दर बढ़ानी चाहिए. लोगों को अगर अच्छी गुणवत्ता की बिजली नहीं मिलेगी तो दर बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है.
जन सुनवाई में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसइआरसी) के सचिव एके मेहता, सदस्य आर एन सिंह, लॉ अफसर आरपी नायक, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के एमडी राहुल पुरवार, धनबाद बिजली बोर्ड के जीएम सुभाष सिंह सहित बिजली विभाग के अधिकारी, व्यवसायी, आजसू पार्टी के कार्यकर्ता सहित आम उपभोक्ता मौजूद थे.
आजसू को छोड़ कर दूसरी पार्टियां नहीं पहुंचीं : धनबाद जिला आजसू पार्टी को छोड़ कर बिजली दर बढ़ोतरी का लगातार विरोध कर रही दूसरी कोई पार्टी जनसुनवाई में नहीं पहुंची.
पांच जगह सुनवाई के बाद लेंगे फैसला : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने बताया कि धनबाद से पहले चाईबासा में जन सुनवाई हो चुकी है. अब दुमका, डाल्टेनगंज और रांची में सुनवाई होगी. उसके बाद ही दर बढ़ोतरी पर फैसला लिया जायेगा.
जेबीवीएनएल को हो रहा काफी घाटा : पुरवार
जेबीवीएनएल के एमडी राहुल पुरवार ने सबसे पहले आयोग के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी कंपनी को प्रति माह 700 एमवीए बिजली धनबाद के लिए डीवीसी से खरीदनी पड़ती है. उन्हें वह बिजली कॉमर्शियल रेट पर मिलती है. मगर वह बिजली को घरेलू दर पर उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं. इससे उन्हें काफी घाटा होता है. राज्य भर की यही स्थिति है. झारखंड में करीब-करीब सभी गांव में बिजली पहुंच चुकी है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मात्र 18 लाख घर ही ऐसे बचे हैं
जहां बिजली नहीं पहुंची है. वहां भी जल्द बिजली पहुंचा दी जाएगी. उन लोगों ने 31340 नए ट्रांसफॉर्मर लगाये हैं. राज्य भर में एक लाख के करीब सब स्टेशन बनाये गये. पुराने सब स्टेशन को ठीक किया गया. सिर्फ धनबाद में 350 नये ट्रांसफॉर्मर लगाये गये हैं. विभाग में नयी तकनीकी लायी गयी है जिससे शट डाउन, बीलिंग में गड़बड़ी और भी दूसरी शिकायतों का ऑनलाइन समाधान कियाजा रहा है. मेन पावर में बढ़ोतरी, कनेक्शन के लिए पोस्ट ऑफिस , मोबाइल एप जैसी सुविधा दी गयी है.
बीपीएल परिवार के लिए मुफ्त बिजली, बकायेदारों के पास विभाग का अच्छा पैसा फंस जाने जैसी कठिनाइयों का समाना भी विभाग को करना पड़ रहा है. इन सभी चीजों को देखते हुए बिजली दर बढ़ाने को कहा जा रहा है.
लोगों पर बोझ बढ़ेगा, उद्योग-धंधे प्रभावित होंगे
सुनवाई शुरू होते ही आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष मंटू महतो रण्धीर वर्मा चौक से जुलूस लेकर टाउन हॉल पहुंचे. कार्यकर्ताओं के हाथ में बैनर-तख्तियां थीं, जिसमें बिजली दर वृद्धि के खिलाफ नारे लिखे थे. वे नारेबाजी व हंगामा करने लगे. उनका कहना था कि किसी तरह गुजर-बसर कर रहे लोग बिजली बिल का बढ़ा हुआ बोझ नहीं उठा पायेंगे.
इस पर भावनात्मक रूप से भी विचार करना चाहिए. फिर बिजली विभाग बड़े बकायेदारों से वसूली कर अपनी स्थिति सुधार सकता है. आजसू के विरोध के कारण सुनवाई को आधा घंटा के लिए स्थगित करना पड़ा. आजसू के विरोध के बाद जैसे ही सुनवाई शुरू हुई जिला चेंबर, फ्लावर मिल और दूसरे व्यापारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
व्यापारियों का कहना था कि बिजली दर बढ़ते ही उन पर 15 प्रतिशत अधिक बिल का भार आ जायेगा. इससे उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जायेगी. झारखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद के समझाने के बाद कि अभी बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. जन सुनवाई में उनका पक्ष सुना जा रहा है. जिसके बाद ही किसी फैसले पर आयोग पहुंचेगा. तब जाकर व्यवसायी शांत हुए और सुनवाई शुरू हुई.
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