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सालाना बजट किया पेश, सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने की आलोचना

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को राज्य का सालाना बजट पेश किया. सत्ता पक्ष के नेताओं ने प्रतिक्रिया जताते हुए इसे जनहित वाला बजट बताया. कहा कि बजट में गांवों, ग्रामीणों, किसानों और कौशल विकास के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है. वहीं विपक्षी दलों ने बजट को बेहद निराशाजनक बताया. कहा कि […]

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को राज्य का सालाना बजट पेश किया. सत्ता पक्ष के नेताओं ने प्रतिक्रिया जताते हुए इसे जनहित वाला बजट बताया. कहा कि बजट में गांवों, ग्रामीणों, किसानों और कौशल विकास के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है. वहीं विपक्षी दलों ने बजट को बेहद निराशाजनक बताया. कहा कि विकास का कोई विजन नजर नहीं आता है. विपक्ष का कहना था कि बजट पेश करते समय ऐसा लगा, जैसे सदन में कोई व्यापारी बजट पेश कर रहा है. धनबाद के व्यवसाय जगत में मिली-जुली प्रतिक्रिया रही. व्यवसायियों ने कहा कि बजट से जिले को कुछ नहीं हासिल हुआ है. धनबाद से सौतेला व्यवहार हुआ है.
भाजपाइयों ने कहा : अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा विकास
2022 तक झारखंड से समाप्त होगी गरीबी
यह बजट विकासोन्मुख तथा समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंंचाने वाला है. बजट में 2022 तक झारखंड से गरीबी को समाप्त करने तथा झारखंड को विकसित राज्य की श्रेणी में अग्रिम स्थान पर लाने की घोषणा स्वागत योग्य है. गांव के विकास के साथ महिलाओं के विकास का भी ध्यान बजट में रखा गया है. सबको रोजगार दिलाने का प्रयास है.
पीएन सिंह, सांसद, धनबाद
बजट क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने वाला
यह बजट क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने वाला है. गांव, गरीब, किसान पर ज्यादा जोर दिया गया है. रघुवर सरकार में काम करने की इच्छाशक्ति है. धनबाद के लिए भी अरबन हाट सहित कई नयी घोषणाएं स्वागत योग्य है. अब तक अरबन हाट की सिर्फ घोषणाएं होती थी. इस बार बजट में शामिल किया गया है. इस बजट का दूरगामी असर पड़ेगा.
राज सिन्हा, विधायक, धनबाद.
हर वर्ग का ख्याल रखा है सरकार ने
लघु सिंचाई अंतर्गत पांच सौ चेकडैम योजना का निर्माण एवं 300 पुरानी मध्यम सिंचाई योजना एवं आहर, तालाब के पुनर्स्थापन का कार्य भी कराये जाने का प्रस्ताव प्रशंसनीय है. बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. पहली बार किसी सरकार ने लगभग सभी घोषणाओं को धरातल पर उतारा है. उम्मीद है आज हुई घोषणाएं भी बजट में शामिल होंगी.
फूलचंद मंडल, विधायक, सिंदरी
बजट में सामाजिक समानता पर जोर
इस बजट में सामाजिक समानता पर जोर दिया गया है. ग्रामीण बजट में 14 फीसदी की बढ़ोतरी सराहनीय है. यह बजट एक लंबी लकीर खींचेगा. सबसे बड़ी बात है कि पिछले वर्ष की बजट में जो योजनाएं ली गयी थी. उसमें से 85 प्रतिशत योजनाओं पर काम शुरू हो गया है. सामान्यत: 40-45 फीसदी योजनाएं ही पूर्ण हो पाती है. सारे वर्ग का ख्याल रखा गया है.
चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर, धनबाद
विरोधी दलों को रास नहीं आया
नौजवानों के बीच कुछ नहीं औपचारिकता है बजट
लोक लुभावन व लूटपाट वाला बजट है. बजट में मजदूर, नौजवान व छात्रों के लिए कुछ नहीं है.
बजट औपचारिकता है. जिस तरह मुख्यमंत्री रघुवर दास घोषणा करते हैं उसी की तरह बजट में घोषणाओं की प्रमुखता दी गयी है. जनहित के लिए बजट में कुछ नजर नहीं आ रहा है. बजट में कागजी काम की प्रमुखता है.
ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
शिक्षित बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं
छात्र विरोधी व युवा विरोधी बजट है. बजट में झारखंड केछात्रों व नौजवानों के लिए कुछ नहीं है.
सरकार ने लोकलुभावन बजट अपने फायदे के लिए पेश किया है. तकनीकी व रोजगार परक शिक्षा, रोजगार के नये अवसर, युवा व छात्र के लिए बजट में कुछ नहीं है. बजट में शिक्षा के विकास व शिक्षित बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है.
कुमार अभिरव, जिलाध्यक्ष, एनएसयूआइ
इस बार का बजट हवा-हवाई, किसानों से धोखा
इस बार का बजट हवा-हवाई है. किसानों के साथ धोखा है. सारी घोषणाएं ऊपर-ऊपर ही है. सरकार कहती है कि विवि खोल रहे हैं. राज्य के स्कूलों में शिक्षक तक नहीं है, कई स्कूल बंद हो रहे हैं. ऐसे में बुनियादी चीजों पर ध्यान नहीं देकर केवल ऊपर-ऊपर ही घोषणाएं की गयी है.
मथुरा प्रसाद महतो, झामुमो नेता व पूर्व मंत्री
युवा और छात्रों की हुई है अनदेखी
झाारखंड सरकार के बजट में युवा व छात्रों की अनदेखी हुई है. ‌विषेशकर धनबाद के लिए कुछ नहीं है. बजट राज्य की जनता के साथ धोखा है. कागजी बजट से सरकार ने जनता को बरगलाने की कोशिश की है. सरकार के पास युवाओं और छात्र-छात्राओं के लिए कोई ठोस नीति नहीं है.
अभिजीत राज, उपाध्यक्ष, झारखंड युवक कांग्रेस
चिकित्सकों ने बेहतर बताया
तीन नये मेडिकल कॉलेज खुलनाअच्छी पहल
राज्य में तीन नये मेडिकल कॉलेज खुलना सरकार के लिए अच्छी पहल है. इसका आइएमए स्वागत करता है. इससे आने वाले समय में डॉक्टरों की कमी दूर हो सकती है. एंबुलेंस चलाने की योजना भी सराहनीय है.
इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी. लेकिन पहले से जो मेडिकल कॉलेज हैं, उन्हें भी देंखें, संसाधन संपन्न करायें. अनुसूचित जाति व जनजाति के चिकित्सकों को अस्पताल खोलने के लिए ऋण उपलब्ध कराना बेहतर है. इसे सभी चिकित्सकों के लिए लागू करना चाहिए. इससे मेडिकल सविर्सेज आम लोगों तक पहुंचेगा.
डॉ एके सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आइएमए.
ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवा में सुधार होगा
अनुसूचित जाति व जनजाति के चिकित्सकों को अस्पताल खोलने के लिए ऋण उपलब्ध कराना बेहतर पहल है.इससे एक ओर चिकित्सकों को भी आगे आने का मौका मिलेगा तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवा में सुधार होगा. सरकार नये मेडिकल कॉलेज पर ध्यान दे रही है. राज्य में ज्यादा मेडिकल कॉलेज खुलेंगे तो यहां के छात्रों को अवसर मिलेगा. नये मेडिकल कॉलेज खुलने से 650 से ऊपर झारखंड में मेडिकल की सीटें हो जायेंगी. राज्य के छात्रों को फायदा मिलेगा. हालांकि पीएमसीएच में भी शिक्षकों की संख्या सरकार को बढ़ानी चाहिए.
डॉ विकास राणा, धनबाद
युवाओं ने निराशाजनक कहा
युवाओं के लिए कोई नयी घोषणा नहीं
यह बजट निराशाजनक है. धनबाद के युवाओं के लिए कोई नयी घोषणा नहीं है. कई दशक से धनबाद में कोई नया कॉलेज नहीं खुला है. शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए भी सरकार के पास कोई विजन नहीं है. कोई पहल नहीं हो रही है. केवल लोकलुभावन घोषणाएं हैं.
विवेक गुप्ता, छात्र नेता
नहीं हो पाया युवा आयोग का गठन
इस बजट में कोई नयी बात नहीं है. युवाओं के लिए कोई नयी घोषणा नहीं है. अलग राज्य बनने के 17 वर्षों बाद भी यहां युवा आयोग का गठन तक नहीं हो पाया है. सरकार की तरफ से सिर्फ नौकरी देने की घोषणा होती है. लेकिन, धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है. स्वरोजगार के लिए भी युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है.
विनीत वत्स, युवा अधिवक्ता.
बजट आम लोगों का विरोधी है
बजट किसान व गरीब विरोधी है. किसान का भला होनेवाला नहीं है. धनबाद की उपेक्षा की गयी है. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिर्वसिटी का निर्माण जन दबाव में लिया गया है. बजटआम लोगों का विरोधी है.
ज्ञानरंजन सिन्हा, जिलाध्यक्ष, झाविमो
राज्य से पलायन रोकने के लिए कुछ नहीं
यह बजट मात्र घोषणाओं वाला है. इसमें छात्रों के लिए कुछ नहीं है. झारखंड में शिक्षा के विकास, तकनीकी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और रोजगार के लिए राज्य से पलायन रोकने के लिए कुछ नहीं है.
आदित्य वर्मा, एनएसयूआइ नेता
व्यवसायियों की मिली जुली प्रतिक्रिया
उद्योग जगत को कुछ नहीं मिला
झारखंड सरकार ने 80 हजार करोड़ का बजट लाया है. अगर धरातल पर उतरे तो मिलाजुलाकर बजट अच्छा है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र को फोकस किया गया है जो अच्छी पहल है.
धनबाद के लिए बजट में और प्रावधान करने की जरूरत थी. उद्योग जगत को कुछ खास नहीं मिला है. इसमें और विशेष किया जा सकता था. उद्योग हित में कई नयी योजनाएं बनायी जा सकती थी.
बीएन सिंह, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स
ग्रामीण क्षेत्र को फोकस किया गया
अच्छा बजट है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र को फोकस किया गया है. महिला सशक्तीकरण पर भी जोर दिया गया है. इससे राज्य में कुटीर उद्योगों का जाल बिछेगा. बड़ी संख्या में लोग रोजगार सें जुड़ सकेंगे़ विदेश व देश के बड़े उद्योगपति से निवेश की पहल की जा रही है. उसी तरह राज्य के उद्योगपति से भी पहल होनी चाहिए. औद्योगिक माहौल बनाने में राज्य के उद्योगपतियों का अहम रोल होता है.
राजीव शर्मा, महासचिव, जीटा
बजट वास्तविकता से परे है
पिछले साल जो बजट आया था, उसमें जनवरी माह तक मात्र 53 प्रतिशत ही खर्च हुआ. इस बार उससे बड़ा बजट लाया गया है जो वास्तविकता से परे है. झारखंड इंडस्ट्रियल पॉलिसी में कमजोर उद्योग के पुर्नवास करने का प्रावधान है. लेकिन इस तरह का प्रावधान बजट में नहीं है. जबकि फ्लाइओवर या गया पुल चौड़ीकरण का प्रावधान बजट में आना चाहिए.
अमितेश सहाय, कोषाध्यक्ष, जीटा

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