धनबाद : धनबाद रेल मंडल में सर्विस बुक का डिजिटलाइजेशन कार्य भारतीय रेल के लिए नजीर बन गया है. रेलवे बोर्ड ने इसकी सराहना करते हुए इसे देश भर के रेल मंडलों में लागू करने का आदेश दिया है. हाल के वर्षों में यह दूसरा मौका है जब धनबाद रेल मंडल के कार्यों को देश भर लागू करने का फैसला किया गया है. इसके पहले कर्मचारी दर्शन शिविर को रेलवे बोर्ड ने देश भर में लागू करने का आदेश दिया था. बोर्ड के आदेश से धनबाद रेल मंडल के अधिकारी-कर्मचारी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
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धनबाद रेल मंडल बना नजीर : सर्विस बुक डिजिटलाइजेशन अब देश भर में होगा लागू
धनबाद : धनबाद रेल मंडल में सर्विस बुक का डिजिटलाइजेशन कार्य भारतीय रेल के लिए नजीर बन गया है. रेलवे बोर्ड ने इसकी सराहना करते हुए इसे देश भर के रेल मंडलों में लागू करने का आदेश दिया है. हाल के वर्षों में यह दूसरा मौका है जब धनबाद रेल मंडल के कार्यों को देश […]
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हुए प्रभावित : धनबाद रेल मंडल ने पिछले वर्ष सभी कर्मचारियों के सर्विस बुक को डिजिटलाइज करने का काम शुरू किया था. जल्द ही मंडल के 20008 कर्मचारियों का सर्विस बुक डिजिटल कर दिया गया. गत 30 नवंबर को धनबाद दौरे पर आये रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी इस काम से प्रभावित हुए. इस दौरान उन्होंने धनबाद मंडल के कार्मिक दिशा नामक एप को लांच भी किया. इस एप में धनबाद रेल मंडल के सभी कर्मचारियों का सर्विस बुक डिजिटल तरीके से डाला गया था.
इसका लाभ यह है कि कर्मचारी कभी भी अपने सर्विस बुक से जुड़े हरेक पहलू को देख सकते हैं. श्री लोहानी के आदेश पर 12 जनवरी को रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर स्थापना (साधारण) डा आनंद एस खाती ने भारतीय रेल के सभी जोन व डिवीजन को आदेश दिया कि सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के सर्विस बुक को डिजिटलाइज करें और 31 मार्च तक इसकी जानकारी रेलवे बोर्ड को भेजें.
कार्मिक दर्शन शिविर को भी मिली थी स्वीकृति : धनबाद रेल मंडल में दिसंबर, 2016 में पहली बार कर्मचारियों के बीच जाकर कर्मचारी दर्शन शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में कर्मचारियों को उनका सर्विस रिकॉर्ड दिखाया गया था और उसे अपडेट किया गया था. इस पहल की भी खूब चर्चा हुई और धनबाद रेल मंडल के वरीय कार्मिक अधिकारी उज्ज्वल आनंद को एमआर अवार्ड ने नवाजा. रेलवे बोर्ड ने कर्मचारी दर्शन शिविर को पूरे इंडियन रेलवे में लागू कराया.
शिकायतों का ऑनलाइन समाधान : डीआरएम
धनबाद डीआरएम मनोज कृष्ण अखौरी ने बताया कि 2016 में कर्मचारी दर्शन शिविर की सफलता के बाद 2017 में कार्मिक दिशा दर्शन शिविर शुरू किया गया. कार्मिक दिशा शिविर में कर्मचारियों से 31 अक्तूबर तक उनका ग्रिवांस मांगा गया. फिर टीम जगह-जगह शिविर में गयी और ग्रिवांस को शॉर्ट आउट किया. उसके बाद कार्मिक दिशा एप के बारे में बताया गया और उसका पार्सवर्ड कर्मचारियों को दिया गया. ताकि वह अपने सर्विस रिकॉर्ड (डिजिटल) को देख पायें. अगर किसी को कोई शिकायत हो तो वह उसमें दर्ज कर सकते हैं. ऑन लाइन ही उसका निदान होगा. दफ्तर आने की जरूरत नहीं. इस पहल को रेलवे बोर्ड ने सराहा और पूरे इंडियन रेल में इस लागू किया. इसके पहले कार्मिक दर्शन शिविर को भी देश भर में लागू किया गया है.
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