धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार की अदालत ने मंगलवार को केबल चोरी व बरामदगी के मामले में पेशेवर झरिया के बनियाहीर निवासी साधु पांडेय को भादवि की धारा 413 में दोषी पाकर सात वर्ष सश्रम कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. वहीं अदालत ने जीवन दास, अहमद अंसारी व सोहिद अंसारी को भादवि की धारा 461 में एक वर्ष व एक हजार व 379 में तीन वर्ष कैद व एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जबकि शकुर अंसारी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
बाद में अदालत ने शेष तीन सजायाफ्ताओं को झारखंड उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. जबकि साधु को जेल भेज दिया. फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने सजा की बिंदु पर बहस की. जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कम से कम सजा देने जाने का आग्रह किया. 2/3 जनवरी 2011 की रात्रि ढाई बजे लोदना कोलियरी के सात नंबर पीट के वाइडिंग इंजन रूम के अंदर अपराधियों ने घुस कर 120 एमएम के बारह मीटर तथा 70 एमएम के बत्तीस मीटर केबल कंट्रोल रूम का शॉर्टसर्किट ट्रेकर चोरी कर लिया था,
जिससे कंपनी (बीसीसीएल) को 63 हजार 390 रुपये का नुकसान हुआ. बाद में पुलिस ने अनुसंधान के दौरान अहमद अंसारी व जीवन दास को गिरफ्तार किया. चोरी गयी केबल को पुलिस ने साधु पांडेय के गोदाम से बरामद की गयी. राजेश निगम के स्वलिखित आवेदन पर झरिया (लोदना) थाना में कांड संख्या 7/11 दर्ज किया गया. केस के आइओ ने 26 मार्च 11 को जीवन दास अहमद अंसारी, साधु पांडेय, सोहिद अंसारी व शकुर अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया.