मुराइडीह व शताब्दी कोलियरी का मामला
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ग्रेड में हेराफेरी कर ”सरदार” ने वसूले 7.25 करोड़
मुराइडीह व शताब्दी कोलियरी का मामला दोनों कोलियरी में नवंबर व दिसंबर में 29,000 टन का ऑफर दोनों कोलियरी पर है रंगदारों के सिंडिकेट का कब्जा धनबाद : कोयला बीसीसीएल का और कमाई रंगदारों के सिंडिकेट की. जी हां, इ-ऑक्शन के तहत कोयला की बिडिंग के दौरान रंगदारों के सिंडिकेट ने कोयला के ग्रेड में […]
दोनों कोलियरी में नवंबर व दिसंबर में 29,000 टन का ऑफर
दोनों कोलियरी पर है रंगदारों के सिंडिकेट का कब्जा
धनबाद : कोयला बीसीसीएल का और कमाई रंगदारों के सिंडिकेट की. जी हां, इ-ऑक्शन के तहत कोयला की बिडिंग के दौरान रंगदारों के सिंडिकेट ने कोयला के ग्रेड में हेराफेरी करा कर करीब 7,25,00,000 रुपये की वसूली की है. इसमें रंगदारों के सिंडिकेट के सरदार की मोटी कमाई हुई है. सरदार ने बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर पहले बाघमारा की दो कोलियरी (मुराइडीह व शताब्दी) के कोयला के ग्रेड को कम कराया, इसके बाद कोयला का ऑफर बढ़ाया.
इसके बावजूद दोनों कोलियरियों का कोयला फ्लोर प्राइस पर बुक हुआ. इससे बीसीसीएल को करीब 4,06,00,000 रुपये का नुकसान हुआ है. पूरे मामले में बीसीसीएल उच्च प्रबंधन मूकदर्शक बना रहा. हालांकि पूरे कोयला व्यवसाय जगत में यह चर्चा जरूर है कि आखिर बीसीसीएल उच्च प्रबंधन ने इन दोनों कोलियरियों में अचानक कोयला का ग्रेड कम कर ऑफर इतना कैसे बढ़ा दिया?
बीसीसीएल को 4,06,00,000 रुपये का नुकसान, कोयला का ग्रेड वाशरी-टू से वाशरी-थ्री किया गया
क्या है मामला
बताते है कि बीसीसीएल के बरोरा एरिया स्थित मुराइडीह व शताब्दी कोलियरी का कोयला अक्तूबर में वाशरी ग्रेड-टू बताकर कंपनी ने ऑफर निकाला. रंगदारों के सिंडिकेट के सरदार ने कंपनी के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर दोनों कोलियरी के कोयला का ग्रेड घटा कर वाशरी-टू से वाशरी ग्रेड थ्री करा दिया. नवंबर में दोनों कोलियरी से छह-छह हजार टन (कुल 12 हजार टन) के ऑफर को बढ़ा कर दिसंबर में 10,000 व 7,000 यानी कुल 17,000 टन किया गया. यानी नवंबर व दिसंबर माह मिला कर दोनों कोलियरी से 29,000 टन कोयला का ऑफर बीसीसीएल ने निकाला. इसके बावजूद दोनों कोलियरी का कोयला फ्लोर प्राइस पर ही बुक हुआ है. वाशरी ग्रेड-टू व वाशरी ग्रेड-थ्री कोयला के रेट में करीब 1,400 रुपये का अंतर है. यानी ग्रेड घटाने से बीसीसीएल को करीब 4,06,00,000 रुपये का नुकसान हुआ है. सूत्रों की माने तो रंगदारों के सिंडिकेट ने करीब 2,500 रुपये प्रतिटन यानी कुल 7.25 करोड़ रुपये की वसूली बिडरों से की है.
रंगदारी बंद हो तो शत-प्रतिशत होगी कोयला की बिक्री
बताते हैं कि रंगदारी बंद हो जाये तो बाघमारा क्षेत्र की बीसीसीएल की सभी कोलियरियों से शत-प्रतिशत इ-ऑक्शन व लिंकेज कोयला की बिक्री संभव हो सकेगी. सूत्रों की माने तो बाघमारा कोयलांचल की कोलियरी में ऑफर के मुताबिक कोयला तो बुक हो रहा है, लेकिन सिंडिकेट के कब्जे वाली कोलियरी का कोयला फ्लोर प्राइस से अधिक नहीं बढ़ पा रहा है. जिन कोलियरियों पर सिंडिकेट का कब्जा नहीं है, वहां फ्लोर प्राइस से 25-25 सौ रुपये अधिक की बोली लगाकर बिडर कोयला बुक करा रहे हैं.
ऑफर बढ़ाने पर विजिलेंस विभाग ने लगायी थी रोक
बताते हैं कि रंगदारी के दृष्टिकोण से बाघमारा कोयलांचल में पड़ने वाले बीसीसीएल की संवेदनशील कोलियरियों में विजिलेंस (सतर्कता विभाग) ने रोड सेल के माध्यम से होने वाले इ-ऑक्शन में 500 मिलियन टन से अधिक कोयला का ऑफर निकालने पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद इन कोलियरियों का ऑफर बार-बार बढ़ा दिया जाता है. यह बात कंपनी मुख्यालय से लेकर बाघमारा कोयलांचल व व्यवसायी वर्ग में चर्चा का विषय है. क्या कंपनी प्रबंधन फ्लोर प्राइस पर ही कोयला बेचना चाहती है?
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