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लो बर्थ व प्री मैच्योर बच्चों की निगरानी करेंगी सहिया

सरकार ने भेजा प्रपत्र, घर-घर जाकर भरना है फार्म 28 दिनों में 13 दौरे कर जच्चा-बच्चा की करनी है निगरानी धनबाद. लो बर्थ व प्री मैच्योर बच्चों की अब सहिया 28 दिनों तक निगरानी करेंगी. इस दौरान प्रसूता के घर पर सहिया को 28 दिनों में 13 दौरे करना अनिवार्य है. इसके लिए राज्य सरकार […]

सरकार ने भेजा प्रपत्र, घर-घर जाकर भरना है फार्म

28 दिनों में 13 दौरे कर जच्चा-बच्चा की करनी है निगरानी

धनबाद. लो बर्थ व प्री मैच्योर बच्चों की अब सहिया 28 दिनों तक निगरानी करेंगी. इस दौरान प्रसूता के घर पर सहिया को 28 दिनों में 13 दौरे करना अनिवार्य है. इसके लिए राज्य सरकार ने जिलों के सहियाओं के लिए प्रपत्र (फार्म) भेजा है. अधिक जोखिम वाले बच्चों के घर-घर जाकर सहियाओं को यह प्रपत्र भरना है. इसकी रिपोर्ट विभाग को देनी है. सरकार का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है.

संस्थागत व घरेलू प्रसव दोनों में रखना है ख्याल : सहियाओं के प्रपत्र में संस्थागत और घर में प्रसव दोनों पर निगरानी रखनी है. अस्पताल से घर लाये गये लो बर्थ व प्री मैच्योर बच्चों की भी 28 दिनों तक निगरानी करनी है. इसके लिए सरकार ने सहियाओं को अलग से मानदेय देने की व्यवस्था की है. घरेलू प्रसव के मामले में प्रसूता को विशेष सावधानी बरतनी होती है. सहिया को इसकी रिपोर्ट विभाग को देनी है.

सहियाओं को क्या करना है

माता चार बार से कम खाना खाती हो या पूरा भोजन नहीं खाती हो तो परामर्श दें

रक्तस्राव में एक दिन में पांच पैड लगे तो तुरंत अस्पताल भेजें.

सर्दी में जच्चा व बच्चा को गर्म रखें, पूरे कपड़े पहनाने को कहें.

शिशु लगातार रोये, दिन में छह बार से कम पेशाब करें तो हर घंटे हर स्तनपान कराने को कहें

माता असामान्य तरीके से बोल रही हैं, तो अस्पताल भेजें.

हर सप्ताह बच्चे का वजन 100 ग्राम नहीं बढ़े तो स्तनपान जरूर करायें

शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार विभिन्न कार्यक्रम चला रही है. इसमें सहियाओं का रोल काफी अहम हो जाता है.

डॉ ए विश्वकर्मा, प्रभारी सीएस.

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