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मिलावटी कोयला से बीसीसीएल को हर माह 120 करोड़ रुपये का नुकसान

धनबाद: कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल बदहाली की दौर से गुजर रही है, इसके बीआइएफआर में जाने की आशंका है, वहीं कोयला की खराब क्वालिटी (गुणवत्ता) ने इसकी हालत और बदतर कर दी है. इसके लिए कहीं न कहीं एरिया प्रबंधन भी जिम्मेदार हैं. कोयला की खराब क्वालिटी के कारण बीसीसीएल को औसतन […]

धनबाद: कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी बीसीसीएल बदहाली की दौर से गुजर रही है, इसके बीआइएफआर में जाने की आशंका है, वहीं कोयला की खराब क्वालिटी (गुणवत्ता) ने इसकी हालत और बदतर कर दी है. इसके लिए कहीं न कहीं एरिया प्रबंधन भी जिम्मेदार हैं. कोयला की खराब क्वालिटी के कारण बीसीसीएल को औसतन हर माह 120 करोड़ राजस्व का नुकसान हो रहा है.
कोयला के ग्रेड में 72 प्रतिशत की गिरावट : पावर व स्टील कंपनियों को बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों से डिस्पैच होने वाले कोयले की क्वालिटी में 72 प्रतिशत स्लिपेज (गिरावट ) आयी है. 28 प्रतिशत कोयला ही ग्रेड टू ग्रेड डिस्पैच हो रहा है. खराब कोयले की सप्लाइ के कारण कई कंपनियों ने पेमेंट रोक दी, वहीं कई कंपनियां सिर्फ, जिस ग्रेड का कोयला डिस्पैच हुआ है उसका ही भुगतान कर रही हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो बीसीसीएल के घाटे में जाने की एक वजह यह भी है.
ग्रेड स्लिपेज में गोविंदपुर एरिया नंबर वन : कोयला के ग्रेड स्लिपेज में बीसीसीएल का गोविंदपुर एरिया पहले स्थान पर है. जबकि दूसरे स्थान कुसुंडा, तीसरे पर चांच विक्टोरिया, चौथे पर बरोरा, पांचवें ब्लॉक-टू व छठे स्थान पर लोदना व सातवें स्थान पर बस्ताकोला एरिया है. सूत्रों की माने तो ग्रेड स्लिपेज का मुख्य कारण रेलवे साइडिंगों पर कोयला की क्रशिंग डोजर से कराना है. सीएमडी श्री सिंह हर मीटिंग में सीएचपी से क्रश कोयला ही डिस्पैच करने का निर्देश देते है, लेकिन इसका अनुपालन एरिया प्रबंधन नहीं करता है.
सीएमडी की चेतावनी का भी असर नहीं : कोयला की क्वालिटी को लेकर कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया चेयरमैन व बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार भी गंभीर है. हर मीटिंग में कोयला की क्वालिटी में सुधार व ग्रेड स्लिपेज बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी देते हैं, बावजूद एरिया प्रबंधन पर इसका असर नहीं दिख रहा है.
क्या है मामला
बताते है कि अपने वाहवाही में एरिया प्रबंधन ने कोयला की ओवर रिपोर्टिंग तो कर दी है, लेकिन स्टॉक के मुताबिक विभिन्न साइडिंगों में कोयला उपलब्ध नहीं है. ऐसे में एरिया प्रबंधन की ओर से रेलवे साइडिंग में ही कोयला के साथ ओवर बर्डेन (ओबी) आदि मिलाकर डिस्पैच कर दिया जा रहा है. इसी कारण ग्रेड में 72 प्रतिशत का स्लिपेज आ गया है.
एरिया का ग्रेड स्लिपेज प्रतिशत
एरिया ग्रेड-स्लिपेज
बरोरा 80 प्रतिशत
ब्लॉक-टू 74 प्रतिशत
गोविंदपुर 100 प्रतिशत
सिजुआ 30 प्रतिशत
कतरास 4 प्रतिशत
कुसुंडा 96 प्रतिशत
बस्ताकोला 80 प्रतिशत
लोदना 82 प्रतिशत
सीवी एरिया 85 प्रतिशत
कहां, कितना हो रहा नुकसान
एरिया नुकसान
बरोरा 20 करोड़
ब्लॉक-टू 22 करोड़
गोविंदपुर 15 करोड़
सिजुआ 2.5 करोड़
कतरास 1 करोड़
कुसुंडा 24 करोड़
लोदना 23 करोड़
सीवी एरिया 13 करोड़

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