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बड़ी आबादी के बावजूद नहीं एक भी बालिका उच्च विद्यालय, बीच में ही छूट जाती है बेटियों की पढ़ाई

धनबाद: रणधीर वर्मा चौक से लेकर गोविंदपुर तक, बरटांड़ से लेकर बरवाअड्डा तक एवं गोल बिल्डिंग गोविंदपुर रोड से लेकर मेमको मोड़ तक सड़क के दोनों ओर एक भी बालिका उच्च विद्यालय नहीं है. इस बड़े क्षेत्र की कॉलोनियों आैर बस्तियों में रहने वाली छात्राएं आठवीं कक्षा के बाद हाइ स्कूल की पढ़ाई के लिए […]

धनबाद: रणधीर वर्मा चौक से लेकर गोविंदपुर तक, बरटांड़ से लेकर बरवाअड्डा तक एवं गोल बिल्डिंग गोविंदपुर रोड से लेकर मेमको मोड़ तक सड़क के दोनों ओर एक भी बालिका उच्च विद्यालय नहीं है. इस बड़े क्षेत्र की कॉलोनियों आैर बस्तियों में रहने वाली छात्राएं आठवीं कक्षा के बाद हाइ स्कूल की पढ़ाई के लिए बीएसएस बालिका उच्च विद्यालय मिश्रित भवन, अभया सुंदरी बालिका विद्यालय हीरापुर व एसएसएलएनटी बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय पर निर्भर हो जाती हैं, जो इन क्षेत्रों से काफी दूर है.

परेशानी यह है कि किशोरावस्था में पहुंचने के बाद अभिभावक बेटियों को दूर के विद्यालय भेजना नहीं चाहते हैं. इस कारण कई बार बेटियों को बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देनी भी पड़ती है. ऐसे में बेटी नहीं पढ़ेगी तो कैसे बचेंगी बेटियां.

दूर नहीं भेजना चाहते अभिभावक : अभिभावक बेटियों को दूर के विद्यालय भेजना नहीं चाहते हैं. आठवीं कक्षा तक तो निकट के मध्य विद्यालयों में बेटियों को पढ़ाते हैं, लेकिन यहां से पास होने के बाद हाइ स्कूल में दाखिला नहीं दिलाते हैं. इस कारण बीच में ही अपनी पढ़ाई कई छात्राओं को छोड़नी पड़ती है. कई छात्राओं की कम उम्र में ही शादी भी कर दी जाती है. अभिभावकों का मानना है कि उनके लिए सबसे अहम बेटियों की सुरक्षा है.
क्या कहते हैं शिक्षक नेता
एक ओर सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान चला रही है तो दूसरी ओर बेटियों के लिए शहर की घनी आबादी में एक भी हाइ स्कूल नहीं है. जरूरत इस बड़े क्षेत्र की बेटियों के लिए हाइ स्कूल खोलने की है, ताकि उन्हें अपनी माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई में कोई परेशानी न हो.
संजय कुमार, जिलाध्यक्ष, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ
कहां कितनी आबादी
सरायढेला क्षेत्र में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार आबादी 24183 थी. वर्ष 2011 तक जनसंख्या 10.5 प्रतिशत बढ़ी और इस तरह जनसंख्या करीब 27 हजार हो गयी. वर्तमान में जनसंख्या करीब 32 हजार हो सकती है. इसी तरह बरटांड़ से बरवाअड्डा तक क्षेत्र भी बड़ी आबादी वाला है. गोल बिल्डिंग गोविंदपुर रोड से लेकर मेमको मोड़ तक भी आज कई कॉलोनियां व बस्तियां बस चुकी हैं, बावजूद यहां काेई गर्ल्स हाइ स्कूल नहीं खुला है.
क्षेत्र में बसी कॉलोनियां
रणधीर वर्मा चौक से गोविंदपुर रोड : कोयलानगर, कोलाकुसमा, नीलांचल कॉलोनी, सरायढेला, स्टीलगेट, चाणक्य नगर, सीसीडब्ल्यूओ कॉलोनी, जगजीवन नगर आदि.
बरटांड़ से बरवाअड्डा : धैया, लाहबनी बस्ती, धीरेंद्रपुरम, ठाकुरकुल्ही, बरटांड़, भेलाटांड़, जीआइसी कॉलोनी, चंद्र विहार कॉलोनी, मेमको मोड़, सुसनीलेवा, राहरगोरा, चनचनी कॉलोनी आदि.
गोल बिल्डिंग से मेमको मोड़ : साबलपुर, सहयोगी नगर, बगुला, तपोवन कॉलोनी आदि.

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