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होमगार्ड जवानों की स्थिति गुलामों जैसी : शर्मा

धनबाद: आजादी के 71 वर्षों बाद भी देश में हाेम गार्ड जवान गुलामों जैसा जीवन जी रहे हैं. मार्च 2015 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये आदेश समान काम का समान वेतन को कई प्रदेशों ने लागू कर दिया, लेकिन झारखंड में इसकी अवमानना हो रही है. उक्त बातें नेशनल होमगार्ड एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश […]

धनबाद: आजादी के 71 वर्षों बाद भी देश में हाेम गार्ड जवान गुलामों जैसा जीवन जी रहे हैं. मार्च 2015 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये आदेश समान काम का समान वेतन को कई प्रदेशों ने लागू कर दिया, लेकिन झारखंड में इसकी अवमानना हो रही है.

उक्त बातें नेशनल होमगार्ड एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश शर्मा ने रविवार को कही. वह यहां गांधी सेवा सदन में नेशनल होमगार्ड एसोसिएशन के सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ड्यूटी सुनिश्चित करने से संबंधित प्रदेश की मुख्य सचिव के आदेश की भी अनदेखी की जा रही है. कहा कि केंद्र व राज्य सरकार बार-बार नक्सल को समाप्त करने की बात कहती है, लेकिन इसके उलट राइफलों की ट्रेनिंग दिये गये हजारों होमगार्ड जवानों को ड्यूटी न देकर भूखे मरने को विवश किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि काम नहीं मिलने से ही 2009 में गुमला का मदन यादव भाग कर नक्सलियों के साथ शामिल हो गया था. इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुल रही. वहीं महिला जवानों को न मातृत्व अवकाश और न ही कोई भत्ता दिया जाता है. जवानों के हक के लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ेंगे. एसोसिएशन के प्रधान सचिव कन्हैया राम ने कहा कि बिना कारण पृच्छा के जवानों को बर्खास्त कर दिया जाता है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. महासचिव उदय कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अविलंब लागू किया जाये. झारखंड के अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने कहा कि वर्षों की गुलामी से अब मुक्ति मिलेगी. मौके पर राकेश उपाध्याय, रिंकेश कुमार यादव, देवेंद्र सिंह, राजन कुमार, कामदेव प्रसाद, राजेश कुमार, गंगाधर सिंह, विनोद सिंह, राजेंद्र यादव, पुतुल मरांडी, तपन कुमार सिंह, सत्येंद्र तिवारी मौजूद थे.

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