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कोल इंडिया में बंद होगा लीव इनकैशमेंट

धनबाद : कोल इंडिया में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों को अब लीव इनकैशमेंट का लाभ नहीं मिलेगा. प्रबंधन ने लीव इनकैशमेंट को बंद करने का मन बना लिया है. कोल इंडिया के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो चार दिसंबर को होने वाली सीआइएल बोर्ड की मीटिंग के पश्चात इस आशय की अधिसूचना जारी किये […]

धनबाद : कोल इंडिया में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों को अब लीव इनकैशमेंट का लाभ नहीं मिलेगा. प्रबंधन ने लीव इनकैशमेंट को बंद करने का मन बना लिया है. कोल इंडिया के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो चार दिसंबर को होने वाली सीआइएल बोर्ड की मीटिंग के पश्चात इस आशय की अधिसूचना जारी किये जाने की संभावना है. हालांकि बीसीसीएल सहित कोल इंडिया की अन्य अनुषंगी कंपनियों ने अभी से ही अधिकारियों व कर्मचारियों के रेगुलर लीव इनकैशमेंट के भुगतान पर रोक लगा दी है. सिर्फ सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को ही इसका लाभ मिल रहा है.
कैग की आपत्ति पर मंत्रालय रेस: लीव इनकैशमेंट के भुगतान को लेकर कैग की कुछ आपत्ति है. डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज सह सरकार के अंडर सेक्रेटरी दिनेश पाल सिंह ने सभी पीएसयू के सीएमडी को अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों के रेगुलर लीव इनकैशमेंट को बंद करने का निर्देश दिया है. इसके बाद ही अधिकारियों व कर्मचारियों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अधिकारी 90 फीसदी तक अपनी लीव बेच देते हैं.

क्या है लीव इनकैशमेंट : वर्तमान में कोल इंडिया के अधिकारी साल में 60 दिनों का रेगुलर लीव इनकैशमेंट का लाभ लेते हैं. कर्मचारियों को साल में 15 दिन लीव इनकैशमेंट का लाभ मिलता है. सेवानिवृत्ति पर अधिकारियों को पहले 450 दिन या अनलिमिटेड लीव इनकैशमेंट का लाभ मिलता था, जिसे कम कर 300 दिन कर दिया गया है. कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 140 दिन व बैलेंस का भुगतान होता है.
लीव इनकैशमेंट बंद होता है तो अधिकारियों को काफी क्षति होगी. इसका एसोसिएशन पुरजोर विरोध करेगा. कोल इंडिया प्रबंधन लगातार अधिकारियों की सुविधा में कटौती कर रहा है, जिस कारण सभी में असंतोष व्याप्त है.
अनिरुद्ध पांडेय, अध्यक्ष, सीएमओएआइ, बीसीसीएल

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