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नये माइंस रेगुलेशन एक्ट पर आज लगेगी मुहर
धनबाद: वर्षों पुराने पुराने कोल माइंस रेगुलेशन एक्ट-1957 में बदलाव की तैयारी पूरी कर ली गयी है. श्रम मंत्रालय मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी करेगा. डीजीएमएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही देश की सभी कोयला खदानों में नया माइंस रेगुलेशन एक्ट-2017 लागू कर दिया जायेगा. एक्ट से जुड़ी […]
धनबाद: वर्षों पुराने पुराने कोल माइंस रेगुलेशन एक्ट-1957 में बदलाव की तैयारी पूरी कर ली गयी है. श्रम मंत्रालय मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी करेगा. डीजीएमएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही देश की सभी कोयला खदानों में नया माइंस रेगुलेशन एक्ट-2017 लागू कर दिया जायेगा. एक्ट से जुड़ी फाइल खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) ने बहुत पहले श्रम मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजी थी. केंद्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए अपनी मुहर लगा दी है. प्रस्ताव की कानूनी जांच के उपरांत गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया जायेगा.
ओपेन कास्ट के लिए अलग प्रमाण पत्र : ओपेन कास्ट में कार्य करने के लिए कर्मियों को रिस्ट्रिक्टेड प्रमाण पत्र दिया जायेगा. वे बिना प्रमाण पत्र के कार्य नहीं कर पायेंगे. फर्स्ट व सेकेंड क्लास मैनेजर, ओवरमैन, सर्वेयर, फोरमैन व माइनिंग सरदार आदि सबके लिए प्रमाण पत्र आवश्यक होगा. कोल ऑपरेटर को सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि नया रेगुलेशन गोल सेटिंग होगा. इसमें सुरक्षा नियमों को पूरा करने की जवाबदेही बढ़ जायेगी. पुराना रेगुलेशन प्रिस्क्रिप्टिव है, जिसमें मैप तैयार होता है.
वर्ष 2007 में बनी थी कमेटी : माइंस एक्ट में बदलाव के लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन वर्ष 2007 में किया गया था. नये माइंस रेगुलेशन का खाका तैयार करने में कमेटी को आठ वर्ष से अधिक का समय लगा. तब जाकर 358 पेज का नया प्रस्ताव तैयार हो सका. डीजीएमएस के अधिकारी की मानें तो माइंस रेगुलेशन एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव फाइनल स्टेज में है. लीगल सेल में प्रस्ताव की जांच के उपरांत मंत्रालय मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी करेगा.
नये एक्ट के बारे में जानें
नये कोल माइंस रेगुलेशन एक्ट में कांट्रैक्टर व सप्लायर को भी परिभाषित किया गया है. सभी की जिम्मेदारी भी तय की गयी है. नये एक्ट में माइंस ऑपरेटर अपना सेफ्टी मैनेजमेंट प्लान खुद तय कर पायेंगे. पहले माइंस ऑपरेटर खुद से कोई निर्णय नहीं ले पाते थे.
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