तोपचांची: गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, नयी दिल्ली ने तोपचांची के गुरजीत सिंह को गांधी दर्शन-मिशन समृद्धि सम्मान 2015 से सम्मानित किया है. महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के प्रांगण में 22 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में श्री सिंह को यह सम्मान मिला.
अहिंसा एवं विवाद समाधान के क्षेत्र में किये उल्लेखनीय कार्यों के लिए समिति ने उनके नाम का चयन किया था. समिति के निदेशक दीपंकर श्री ज्ञान व प्रबंध न्यासी अरुण जैन ने संयुक्त रूप से शॉल ओढ़ा व प्रमाण पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया. गुरजीत सिंह ने साक्षरता, भोजन का अधिकार, रोजगार का अधिकार, सामुदायिक स्वास्थ्य तथा सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किया है. उनके प्रयास से कई सकारात्मक बदलाव आये हैं.
नेवी की नौकरी छोड़ अपनायी समाजसेवा : गुरजीत सिंह ने अपने कॅरियर की शुरुआत मर्चेंट नेवी से की. इन्हें नौकरी रास नहीं आयी. वर्ष 1994 में नेवी छोड़ साक्षरता कार्यक्रम से जुड़ गये. वर्ष 2001 में ज्ञान विज्ञान समिति के सदस्य के रूप में भोजन के अधिकार अभियान से जुड़े और झारखंड में विभिन्न कार्यक्रमों और जनदबाव से एमडीएम योजना को पूरे राज्य में लागू करवाने में प्रमुख भूमिका निभायी. वर्ष 2004 में मनरेगा कानून को लागू कराने और उसकी दिशा तय करने में झारखंड नरेगा वाच के संयोजक के रूप में योगदान दिया.
वर्ष 2008 में सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य में चालीस हजार सहियाओं को प्रशिक्षित करने और उनके लिए पाठ्यक्रम और भूमिका तय करने में राज्य प्रबंधक के रूप में सक्रियता दिखायी. वर्ष 2012 में पंचायतों को सक्रिय करने और 14वें वित्त आयोग के लिए राज्य की ओर से सुझाव देने वाली समिति में शामिल किये गये. वर्ष 2015 में पांच राज्यों में सामाजिक अंकेक्षण के कार्य को स्थापित करने की जिम्मेवारी उन्हें मिली. वर्ष 2017 में राज्य सोशल ऑडिट यूनिट के राज्य समन्वयक के तौर पर कार्य शुरू किया. आज गुरजीत सिंह सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्य को स्थापित करने में महती भूमिका निभा रहे हैं.