मनोज पांडे ने भक्तों को पूजा का संकल्प कराने के साथ इस तिथि की महत्ता बतायी. इस दिन गंगा स्नान व गुप्त दान का विशेष महत्व है. आंवला के पेड़ में भगवान विष्णु का बास होता है. इसलिए पूजा की जाती है.
अक्षय नवमी के दिन कुष्मांड(भूआ) में गुप्त दान दिया जाता है. आज के दिन दिये गये दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. जो भक्त नियम और विधान से अक्षय नवमी तिथि का पालन करते हैं. पूजा अर्चना करते हैं उनके पापों का नाश होता है. अनजाने में हुई गलती की माफी मिलती है. स्वर्ग की प्राप्ति होती है. मानस मंदिर, हरि मंदिर व दुर्गा मंदिर में भी अक्षय नवमी की पूजा की गयी.