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पोलियो का उन्मूलन, लेकिन एहतियात अभी भी जरूरी
धनबाद : भारत से पोलियो का उन्मूलन हो गया है, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार इसे लेकर अभी भी सतर्क है. यही वजह है कि पल्स पोलियो अभियान 2020 तक चलता रहेगा. धनबाद में 0 से लेकर पांच वर्ष के आठ लाख बच्चों को पल्स पोलियो से सरकार ने जोड़ रखा है. इसकी मॉनीटरिंग लगातार […]
धनबाद : भारत से पोलियो का उन्मूलन हो गया है, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार इसे लेकर अभी भी सतर्क है. यही वजह है कि पल्स पोलियो अभियान 2020 तक चलता रहेगा. धनबाद में 0 से लेकर पांच वर्ष के आठ लाख बच्चों को पल्स पोलियो से सरकार ने जोड़ रखा है. इसकी मॉनीटरिंग लगातार हो रही है. सरकार को प्रत्येक माह रिपोर्ट भेजी जा रही है. बता दें कि वर्ष 2011 में हावड़ा (पं. बंगाल) व पाकुड़ (झारखंड) में पोलियो के मरीज मिले थे.
ड्रॉप के साथ इंजेक्टेबल पोलियोरोधी दवा : पोलियो की आशंका को देखते हुए वर्ष 2013 में सरकार ने पोलियोरोधी ड्रॉप के साथ इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (आइपीवी) सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मुहैया कराया. पहले 0 से लेकर पांच वर्ष के बच्चों के बीच पोलियो ड्रॉप पिलाया जाता था. अब वैक्सीन भी उपलब्ध है. ड्रॉप से यह इंजेक्शन बेहद गुणात्मक होते हैं. जन्म के छठे से लेकर 14वें सप्ताह में बच्चों को इंजेक्टेबल वैक्सीन ही दिया जाता है. फिलहाल धनबाद के सभी सीएससी व पीएचसी, आंगनबाड़ी केद्रों आदि में यह ड्रॉप पिलाया जाता है.
पोलियो को जानें : पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो वायरस से फैलता है. यह लक्षण सामान्य से तीव्र हो सकते हैं. आम तौर पर टांगों में लकवा हो जाता है. पोलियो का वायरस मुंह के रास्ते शरीर में जाता है और आंतों को प्रभावित करता है. वायरस के शरीर में प्रवेश करने के कुछ ही घंटों बाद इससे पक्षाघात तक हो सकता है. कभी-कभी तीन से पांच दिनों में यह अपना असर दिखाता है.
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