उसके बाद कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उनके इस काम में आसनडाबर के मेघनाथ दास और अगलीबाद के मुमताज अंसारी भी शामिल है. पुलिस ने उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया.
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अपराध: यूबीआइ कटनिया में ग्राहकों की रेकी कर रहे थे क्रिमिनल, दक्षिणी टुंडी से चार साइबर अपराधी किये गये गिरफ्तार
टुंडी/दक्षिणी टुंडी. पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर दो और युवकों को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि नवीन कुमार दास (ओझाडीह) और आनंद रजवार (टोपाटांड़) बैंक में ग्राहकों को रेकी कर रहा था. उन्हें बार-बार बैंक आने पर बैंक मैनेजर को शक हुआ और टुंडी पुलिस को सूचना दी. टुंडी पुलिस ने तुरंत […]
टुंडी/दक्षिणी टुंडी. पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर दो और युवकों को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि नवीन कुमार दास (ओझाडीह) और आनंद रजवार (टोपाटांड़) बैंक में ग्राहकों को रेकी कर रहा था. उन्हें बार-बार बैंक आने पर बैंक मैनेजर को शक हुआ और टुंडी पुलिस को सूचना दी. टुंडी पुलिस ने तुरंत बैंक पहुंच कर दोनों साइबर अपराधियों को पकड़ लिया.
कमीशन पर काम करते हैं चारों युवक
इस संबंध में थानेदार सह इंस्पेक्टर केश्वर साहू ने बताया कि युवकों के से चार हजार नकद, 20-25 सिम, एक मोटरसाइकिल व मोबाइल जब्त किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि शहरपुरा के ही सूरज दास इसका सरगना है, जो उनके खाता में पैसा डालता है और ये लोग पैसा के बदले कमीशन पर काम करते हैं. पश्चिमी टुंडी के चरक खुर्द साइबर अपराध की दुनिया में तेजी से उभरा था, जो टुंडी पुलिस के लिए सिरदर्द था. अब दक्षिणी टुंडी का कटनिया, आसन डाबर, अगलीबाद में भी साइबरअपराधी का पकड़ा जाना पुलिस के लिए चिंता का विषय है.
जामताड़ा के बाद टुंडी बना साइबर अपराधियों का गढ़
टुंडी. जामताड़ा के बाद साइबर अपराधियों का गढ़ टुंडी बनता जा रहा है. मनियाडीह थाना अलग होने के बाद साइबर अपराध के लिए मशहूर,चरक खुर्द, बिसनाटांड़ भी कट कर मनियाडीह थाना क्षेत्र में पड़ गया. वहां के तत्कालीन इंस्पेक्टर केश्वर साहू ने बताया मनियाडीह थाना में दो माह पूर्व दो अलग-अलग केस में पांच लोगों को साइबर अपराध में जेल भेज चुके हैं. उसमें तीन को जंगल में बैठकर मोबाइल से कैश ट्रांसफर करते पकड़ा था. बाद में छत्तीसगढ़ की पुलिस टुंडी के चरक से सात अपराधियों को पकड़ कर ले गयी. इनलोगों ने रायपुर के एक साधारण परिवार की बेटी के लिए रखा पैसों पर हाथ साफ कर लिया था. यह क्राइम पहले दो-तीन गावों तक सीमित था, लेकिन इसका प्रभाव खटजोरी, मधुरसा होते हुए दक्षिणी टुंडी तक पहुंच गया. बताया जाता है कि जामताड़ा के कुछ अपराधियों का संबंधी टुंडी के गांवों में हैं. सबसे बड़ी बात है कि ये साइबर अपराधी जेल से लौटने के बाद भी पुनः उसी कार्य में लग जाते हैं.
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