सालपतरा निवासी बिमला कुंभकार के पुत्र विजय कुंभकार की लाश नगारडीह टोला के स्कूल के पीछे पेड़ झूलती मिली थी. उसका पैर प्लास्टिक की रस्सी से बंधा हुआ था. घटना के बाद मृतक की मां बिमला कुंभकार ने निरसा थाना में हत्या का मामला दर्ज कराया था.
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विजय कुंभकार हत्याकांड में पांच दोषी, सजा 16 को
धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने हत्या कर शव छिपाने के अपराध में गुरुवार को सालपतरा (बलियापुर) निवासी सीताराम मांझी, सुरेश मुर्मू, सोनवा टुडू, मानिक हेंब्रम व टुयीला मुर्मू को भादवि की धारा 302/149, 201, 120 (बी)/34 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. […]
धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने हत्या कर शव छिपाने के अपराध में गुरुवार को सालपतरा (बलियापुर) निवासी सीताराम मांझी, सुरेश मुर्मू, सोनवा टुडू, मानिक हेंब्रम व टुयीला मुर्मू को भादवि की धारा 302/149, 201, 120 (बी)/34 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सजा के बिंदु पर फैसला 16 सितंबर को सुनाया जायेगा. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कुलदीप प्रसाद शर्मा भी सुनवाई के वक्त मौजूद थे. घटना 25 जून 2011 की है.
अपहरण में दो को उम्रकैद : फिरौती की मांग को लेेकर अपहरण करने के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बारह सैयद सलीम फातमी की अदालत ने लखीसराय (बिहार) निवासी जेल में बंद ललन मंडल व सुनील राम को भादवि की धारा 364(ए) में दोषी पाकर उम्र कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा ने भी सजा के बिंदु पर बहस की. विदित हो कि 29 नवंबर 2003 को महुदा स्थित तृप्ति होटल से खाना खाकर लौटते वक्त मारुति पर सवार अपराधियों ने पवन का अपहरण कर लिया था. उसे लखीसराय ले जाकर एक कमरे में नौ दिनों तक बंधक बना कर रखा गया. फिरौती के रूप में ढाई लाख रुपये की मांग की जाने लगी. घटना की जानकारी मिलने के बाद पवन कुमार की मां धर्मशीला देवी ने बाघमारा (मधुबन) थाना में अज्ञात के खिलाफ कांड संख्या 326/03 दर्ज कराया था. बाद में पवन बरामद कर लिया गया.
फहीम खान बीमार, नहीं हो सका सफाई बयान दर्ज : आयशा खान को गवाही देने से रोकने के लिए उसका गला दबाकर जान मारने का प्रयास किये जाने के मामले की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत में हुई. केस अभिलेख आरोपी फहीम खान, जो फिलहाल जमशेदपुर जेल में बंद है, के सफाई बयान दर्ज करने के लिए निर्धारित था. लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उसका सफाई बयान दर्ज नहीं हो सका. वह इन दिनों बीमार है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता शहबाज सलाम ने पैरवी की. यह घटना 27 अगस्त 09 की है.
आइओ पर कार्रवाई की मांग
नीरज सिंह हत्याकांड से जुड़े राम अह्लाद राय के मकान में फर्जी नाम-पता बता कर किराये पर लेकर शूटरों को ठहराने व अवैध हथियार रखने के एक मामले में आरोपित मृत्युंजय गिरि उर्फ डब्लू मिश्रा की ओर से गुरुवार को वचाव पक्ष के अधिवक्ता जावेद ने एक आवेदन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में दायर किया. उन्होंने अदालत को गुमराह करने वाले आइओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 18 सितंबर मुकर्रर की है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने आवेदन में कहा है कि डब्लू मिश्रा को इस केस में अदालत ने 23 मई 17 को जमानत दे दी थी. 23 अगस्त 17 को आइओ ने दो आवेदन अदालत में दायर कर फिंगर प्रिंट और ब्लड सेंपल लेने के लिए न्यायिक दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की मांग की. न्यायिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में 24 अगस्त 17 को कुर्बान अली उर्फ सोनू, अमन सिंह, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश, सागर सिंह उर्फ शिबू व मृत्युंजय गिरि उर्फ डब्लू मिश्रा का फिंगर प्रिंट व दूसरे दिन ब्लड सेंपल लिया गया. जिसे एफएसएल भेजा गया. आज गुरुवार को चार शूटरों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस केस में हुई. यह मामला सरायढेला थाना कांड संख्या 50/17 से संबंधित है.
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