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एनयूएलएम प्रशिक्षण घोटाले की फिर से जांच का फैसला
धनबाद. नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना ‘एनयूएलएम प्रशिक्षण’ में घोटाले की फिर से जांच होगी. इसके लिए उप नगर आयुक्त व सहायक नगर आयुक्त की दो सदस्यीय टीम गठित की गयी है. 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. बताते चलें कि पिछली बोर्ड में पार्षदों ने एनयूएलएम प्रशिक्षण में घोटाला […]
धनबाद. नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना ‘एनयूएलएम प्रशिक्षण’ में घोटाले की फिर से जांच होगी. इसके लिए उप नगर आयुक्त व सहायक नगर आयुक्त की दो सदस्यीय टीम गठित की गयी है. 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. बताते चलें कि पिछली बोर्ड में पार्षदों ने एनयूएलएम प्रशिक्षण में घोटाला का मामला उठाया था. निगरानी जांच की मांग की गयी थी. पार्षदों के उठाये गये मामले पर नगर आयुक्त ने जांच कमेटी गठित की है.
प्रशिक्षु आइएएस ने की थी जांच की सिफारिश : प्रशिक्षु आइएएस माधुरी मिश्रा ने एनयूएलएम प्रशिक्षण में गड़बड़ी की जांच की थी. अपनी जांच रिपोर्ट में घोटाले के संकेत दिये थे. प्रशिक्षु आइएएस ने कहा था कि जो कागजात उपलब्ध कराये गये हैं, वे आधे अधूरे हैं. वीडियो फुटेज व बॉयोमैट्रिक हाजिरी में भी स्पष्ट नहीं है. कुछ बच्चों से दूरभाष पर बातचीत की गयी, उनके जवाब भी संतोषजनक नहीं मिले. उच्चस्तरीय जांच में कई और मामले भी सामने आ सकते हैं.
अपर नगर आयुक्त की जांच को नहीं मानें मेयर: प्रशिक्षु आइएसएस माधुरी मिश्रा की जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त की देखरेख में जांच कमेटी गठित की थी. जांच टीम में कार्यपालक पदाधिकारी व एनयूएलएम के सिटी मिशन मैनेजर विशाल सिंह को शामिल गिया गया था. मेयर ने इसपर विरोध जताया था कि जो दोषी है उसे जांच टीम में शामिल किया गया है. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. बोर्ड में फिर मामला उठा और जांच के लिए टीम गठित की गयी.
क्या है मामला : वर्ष 2015-16 में एनयूएलएम के तहत 6110 छात्रों को कंप्यूटर, ब्यूटीशियन आदि प्रोफेशनल कोर्स का प्रशिक्षण दिया गया. नौ कंपनियों को प्रशिक्षण का टेंडर मिला. प्रशिक्षण दिया गया या नहीं यह जांच का विषय है. एक बच्चे के प्रशिक्षण पर सरकार 15 हजार रुपये खर्च करती है. कुल 9 करोड़ 16 लाख 50 हजार का बजट है.
इन कंपनियों को मिला था टेंडर : एसएन सिन्हा बिजनेस इंस्टीच्यूट, वेंचर स्कील प्रा लि, आइसीए, संत रिवदास, पुरुषार्थ, वीएलसीसी, श्रीराम होरिपन, ओरियन एडुटेक.
क्या है प्रावधान
प्रत्येक दिन छात्रों की बॉयोमैट्रिक हाजिरी व सीसीटीवी फुटेज होना चाहिए. हर दिन की रिपोर्ट निगम मुख्यालय को देनी है. हालांकि प्रशिक्षण के दौरान कुछ प्रशिक्षण केंद्र में मेयर की कोषांग टीम ने जांच में गड़बड़ी पकड़ी थी. यह मामला काफी चर्चा में भी था.
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