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विडंबना: देश भर में जीएसटी लागू, स्टूडेंट्स पढ़ रहे इनडायरेक्ट टैक्स, सिलेबस में वही पुराना टैक्स

धनबाद: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक जुलाई से देश में लागू हो चुका है, लेकिन वाणिज्य के पाठ्यक्रम में आज भी वही पुराना टैक्स सिस्टम है. इस तरह जिले के वाणिज्य के करीब 1 लाख 10 हजार विद्यार्थी जीएसटी की पढ़ाई नहीं कर पायेंगे. जबकि जीएसटी ने इनडायरेक्ट टैक्स को पूरी तरह खत्म कर […]

धनबाद: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक जुलाई से देश में लागू हो चुका है, लेकिन वाणिज्य के पाठ्यक्रम में आज भी वही पुराना टैक्स सिस्टम है. इस तरह जिले के वाणिज्य के करीब 1 लाख 10 हजार विद्यार्थी जीएसटी की पढ़ाई नहीं कर पायेंगे. जबकि जीएसटी ने इनडायरेक्ट टैक्स को पूरी तरह खत्म कर दिया है. वाणिज्य के विद्यार्थी भी जीएसटी को अच्छी तरह समझ सकें, इसके लिए जरूरी है कि उनके पाठ्यक्रम में भी जीएसटी को शामिल किया जाये.

पाठ्यक्रम में इनडायरेक्ट टैक्स जरूर शामिल है, लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद विद्यार्थी भी जीएसटी को जानना चाहते हैं. विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने फिलहाल जीएसटी को बीकॉम या एमकॉम किसी के भी पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया है. जानकार बताते हैं कि जीएसटी कानून के ड्राफ्ट होते समय ही इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल होने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए थी. देर ही सही, लेकिन विवि को अब इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने में देरी नहीं करनी चाहिए. इससे स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बाद रोजगार लेने में बहुत मुश्किल नहीं होगी.
क्या कहते हैं शिक्षक
पाठ्यक्रम में जीएसटी नहीं है, लेकिन हमारे कॉलेज की ओर से जीएसटी पर आधारित एक वोकेशनल कोर्स शुरू करने की सलाह विवि को दी गयी है. स्वीकृति मिलने के बाद उसे शुरू किया जायेगा. जीएसटी से प्रशासनिक लाभ होगा, जिससे टेबल वर्क जल्दी होगा और उसका लाभ व्यापारी वर्ग को भी मिलेगा. अलग-अलग राज्यों में वस्तुओं की कीमतों में भी कोई खास अंतर नहीं रह जायेगा.
प्रो एसबी ढाल, व्याख्याता, पीके राय मेमोरियल कॉलेज
फिलहाल सिलेबस में जीएसटी शामिल नहीं है. कोर्स में इसे लागू किया जाना चाहिए. हालांकि अलग से एक कोर्स शुरू किया जायेगा. इसके लिए हमारे कॉलेज की ओर से विवि एवं सरकार को प्रोजेक्ट भेजा गया है. सभी प्रीमियर कॉलेजों में स्वीकृति मिलेगी. अन्य कॉलेज भी प्रस्ताव दे सकते हैं. टैक्सेसन, रेवेन्यू और कंज्युमर के लिहाज से जीएसटी बैक बोन है. इसका अधिक लाभ कंज्यूमर को ही मिलेगा.
प्रो एलबी पालीवाल, व्याख्याता, पीके राय मेमोरियल कॉलेज
क्या कहते हैं छात्र
सिलेबस में जीएसटी नहीं है. हालांकि तृतीय सेमेस्टर में उसे लागू करने की बात कही जा रही है. जीएसटी को पढ़ेंगे, तभी तो समझ भी पायेंगे.
रवि सोनार, ठाकुरकुल्ही
पुराना टैक्स सिस्टम अभी भी सिलेबस में पढ़ाया जा रहा है. जबकि उसकी जगह जीएसटी होना चाहिए. जीएसटी लागू होने के साथ इसे सिलेबस में शामिल करना चाहिए. तभी आगे जाकर छात्रों को इसका फायदा मिलेगा.
अंबुज रवानी, हीरापुर

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