धनबाद: जिस जन लोकपाल के मुद्दे को उछाल कर आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल चंद माह में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गये. उस लोकपाल का मुद्दा धनबाद से तीन बार सांसद रहे एके राय ने 23 वर्ष पूर्व यानी वर्ष 1991 में संसद में उठाया था.
नौवीं लोकसभा के अंतिम सत्र में जब सांसदों की सुविधाओं में बढ़ोतरी तथा पूर्व सांसदों को पेंशन सहित अन्य लाभ देने का बिल आया था तब मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के संस्थापक श्री राय ने इसका जम कर विरोध किया. संसद में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार श्री राय ने अपने भाषण में कहा था कि सांसदों की सुविधा में बढ़ोतरी के लिए इस तरह का बिल लाने की बजाय लोकपाल बिल लाया जाना चाहिए.
लोकपाल के जरिये भ्रष्टाचार से लड़ा जा सकता है. भाषण में काम का अधिकार बिल लाने पर बल देते हुए कहा था कि इससे युवाओं को काम मिल पायेगा. देश में बेरोजगारी में कमी आयेगी