ओपी लाल व विजय झा ने किया सवाल
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रेलवे बताये: उसकी किताब झूठ बोल रही है या सीएमए
ओपी लाल व विजय झा ने किया सवाल कतरास : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंदी के बाद रेलवे के चीफ माइनिंग एडवाइजर (सीएमए) अहसान द्वारा दिये गये बयान का पूर्व विधायक ओपी लाल, पूर्व बियाडाध्यक्ष विजय कुमार झा ने झूठा करार दिया है. प्रेसवार्ता में नेताद्वय ने इस्ट सेंट्रल रेलवे वर्किंग टाइम टेबल, धनबाद डिवीजन अक्तूबर […]
कतरास : धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंदी के बाद रेलवे के चीफ माइनिंग एडवाइजर (सीएमए) अहसान द्वारा दिये गये बयान का पूर्व विधायक ओपी लाल, पूर्व बियाडाध्यक्ष विजय कुमार झा ने झूठा करार दिया है. प्रेसवार्ता में नेताद्वय ने इस्ट सेंट्रल रेलवे वर्किंग टाइम टेबल, धनबाद डिवीजन अक्तूबर 2016 की पुस्तक में लिखे गये बिंदुओं को उल्लेख कर कहा है
कि या तो पुस्तक में गलत लिखी गयी है या फिर रिपोर्ट गलत है. श्री अहसान ने पीएमओ को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा है कि जुलाई 2015 में धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे ट्रैक को खतरनाक मानकर रेलवे ने उक्त ट्रैकों पर गुजरने वाली ट्रेनों की गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा से घटा कर 20 किमी प्रति घंटा कर दी है. जबकि रेलवे द्वारा जारी बुक में रेल कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए गाइड लाइन में साफ लिखा हुआ है
कि धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन से गुजरने वाली ट्रेनों की गति प्रति घंटा 50 किमी है.
नेताद्वय ने पूछा है कि अब रेल बताये कि मिस्टर अहसान सही बोल रहे हैं या रेल द्वारा जारी बुक सही है. जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. महज 14 किमी लाइन को खतरनाक बताकर 34 किमी रेल लाइन को समाप्त नहीं होने देंगे. अग्नि प्रभावित क्षेत्र अगर वास्तव में खतरनाक है तो उस क्षेत्र का कुआं, तालाब, नाला, चापानल का पानी गर्म हो जाता. सचमुच अगर ऐसी भयावह स्थिति है, तो क्षेत्र का तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होती. लेकिन ऐसी बात नहीं है. फिर इस बात को कैसे माना जाये कि धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के नीचे लगी आग खतरनाक स्थिति में है. डीजीएमएस के अनुसार बांसजोड़ा में 120 फीट नीचे और साउथ गोविंदपुर साइडिंग इलाके में 70 फीट नीचे आग है. इस आग को बुझाया जा सकता है. मौके पर रामबचन पासवान, रामचंद्र पासवान, रवि चौबे, शौकत खान, राजेंद्र प्रसाद राजा, कुसवा देवी आदि थे.
पुनर्विचार करने की मांग : भारतीय जनता पार्टी किसान मोरचा के जिला उपाध्यक्ष सुदाम गिरि ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर डीसी रेल लाइन पुन: चालू कराने की मांग की है. दूसरी ओर अधिवक्ताओं ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर 23 जून को कतरास रेलवे स्टेशन से पचगढ़ी बाजार में विरोध मार्च निकालने की सूचना दी है.
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