धनबाद : पहले ऊर्जा विभाग बिल वसूली के लिए उपभोक्ताओं पर बनाता था दबाव और अब उपभोक्ता अपना बिल लेने के लिए ऊर्जा विभाग की दौड़ लगा रहे हैं. तीन माह से लोगों को बिल नहीं मिला है. उपभोक्ता बिल पाने के लिए तड़प रहे हैं कि जल्द भुगतान कर दें तो टेंशन शेष. शुक्रवार […]
धनबाद : पहले ऊर्जा विभाग बिल वसूली के लिए उपभोक्ताओं पर बनाता था दबाव और अब उपभोक्ता अपना बिल लेने के लिए ऊर्जा विभाग की दौड़ लगा रहे हैं. तीन माह से लोगों को बिल नहीं मिला है. उपभोक्ता बिल पाने के लिए तड़प रहे हैं कि जल्द भुगतान कर दें तो टेंशन शेष. शुक्रवार को हीरापुर स्थित कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में जो देखने को मिला, वह अजीब था.
दिन भर उपभोक्ता आते रहे. सभी का एक ही सवाल था कि तीन माह से बिल नहीं मिल रहा है, आखिर कब तक मिलेगा. हाउसिंग कॉलोनी की एक दंपती आज पहुंचा और कहा कि वे लोग एक सप्ताह में दो माह के लिए बाहर जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें बिल नहीं मिलेगा ताे जब वह लौटेंगे तो उनकी लाइन कटी हुई मिलेगी. कार्यपालक अभियंता रवि प्रकाश ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी कोशिश होगी कि इस दौरान उनका बिल मिल जाये. अगर बिल नहीं भी मिलेगा तो भी अभी लाइन नहीं कटेगी.
तब उनकी पत्नी ने कहा कि ज्यादा बिल हो जायेगा तो उन्हें परेशानी होगी. इसी तरह अन्य उपभोक्ता भी बिल नहीं आने का रोना रोते रहे. एक समय था जब दो माह से अधिक का बिल होता था तो उपभोक्ताआें के कनेक्शन काट दिये जाते थे और अभी तीन माह का बिल हो गया है, लेकिन विभाग ही अनुमान से बिल जमा करने के लिए मना कर रहा है.
…ताकि नित्यानंद की तरह कोई आत्महत्या की कोशिश न करे: इस मामले को लेकर झारखंड प्रदेश राज्य बिजली कामगार यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री एवं ऊर्जा विभाग के प्रबंधन को प्रस्ताव दिया है कि स्थिति को सुधारने के लिए पूरे राज्य में प्री-पेड मीटर लगाया जाये ताकि मोबाइल की तरह उपभोक्ता उसका उपयोग कर सके. इससे बिजली चोरी भी रुकेगी और बोर्ड को अरबों रुपये का मुनाफा भी होगा. उन्होंने बताया कि चक्रधरपुर में एक उपभोक्ता नित्यानंद मोदक का 68, 400 रुपये बिल हाे जाने के कारण उसने आत्महत्या करने की कोशिश की. ऐसे मेें विभाग सभी उपभोक्ताओं का या तो बिल माफ कर दे या फिर 24 माह किश्त कर बिजली बिल मे जोड़ दें ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि जून माह में संपूर्ण बिजली बिल नहीं लागू किया जाता है तो बोर्ड को बचाने के लिए बिजलीकर्मी ही पांच जुलाई को धरना देंगे.
पांच जलमीनारों से ही शाम को हो पायी जलापूर्ति
शहर के पांच जलमीनारों से ही शुक्रवार की शाम को जलापूर्ति हुई. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुसार मनईटांड़, मटकुरिया, धनसार, हीरापुर, पीएमसीएच में ही शाम को जलापूर्ति हुई. बाकी 14 जलमीनारों से शाम को जलापूर्ति नहीं हुई. विभाग के अनुसार सुबह में 5.45 से 6 बजे तक, 19.50 से 11.10 बजे तक, 12.15 से 12. 45 बजे तक तथा 2.10 बजे से चार बजे शाम तक भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की बिजली कटी रही. इससे जलापूर्ति प्रभावित हुई.