मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न नदियों से हो रहे बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन ने चिंता बढ़ा दी है. यह खनन न केवल सरकार को रोजाना लाखों रुपये का राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि नदियों और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है. पतरो नदी के कसाठी घाट, टंडेरी, नवा पतरो, मोहनपुर, लोहढाजोर, साप्तर, चोरमारा, पंदनिय, रामपुर, और अजय नदी के नोनियाद, बरसतिया, चेतनारी जैसे कई जगहों से सैकड़ों ट्रैक्टर प्रतिदिन अवैध रूप से बालू उठा रहे हैं. बालू माफियाओं ने एक सिंडिकेट बनाकर यह अवैध खनन का धंधा चला रखा है. सुबह 4 बजे से ही खनन शुरू हो जाता है और दिन भर बेरोकटोक चलता रहता है. बालू माफिया थाना गेट और विभिन्न चौक-चौराहों पर बाइक और मोबाइल से पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखते हैं. अवैध खनन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से इन माफियाओं का मनोबल बढ़ गया है और वे बेखौफ होकर अपना धंधा चला रहे हैं. एक ट्रैक्टर बालू 1000 से 1200 रुपये में बेचा जा रहा है, लेकिन सरकार को इससे कोई राजस्व नहीं मिल रहा है. नदियों से अवैध रूप से बालू उठाये जाने से नदी तल गहरा हो रहा है, जिससे पानी का संकट भी बढ़ रहा है. वहीं, नदी के किनारे के पेड़-पौधे भी उजड़ रहे हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. अधिकतर नदी घाट जो पहले कभी बालू से भरे रहते थे, आज वह मैदान बन गया है. घास और झाड़ियां उग आयीं हैं. स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस से अवैध खनन पर कार्रवाई करने की मांग की है. यदि इस पर रोक नहीं लगायी गयी तो नदियां पूरी तरह से तबाह हो जाएंगी और पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होगी.
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