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31 मार्च तक रिटर्न करें दाखिल, पायें आर्थिक दंड से छुटकारा

देवघर: मार्च में छोटे-बड़े व्यापारी व वेतनभोगी आयकर रिटर्न दाखिल को लेकर चिंतित रहते हैं. इसमें लापरवाही होने से लोगों को कई तरह की कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है. आयकर रिटर्न व आयकर से जुड़े अन्य परेशानियों को लेकर शनिवार को सुबह 11:30 बजे प्रभात खबर कार्यालय में परिचर्चा आयोजित हुई. इसमें जाने-माने आयकर अधिवक्ता […]

देवघर: मार्च में छोटे-बड़े व्यापारी व वेतनभोगी आयकर रिटर्न दाखिल को लेकर चिंतित रहते हैं. इसमें लापरवाही होने से लोगों को कई तरह की कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है. आयकर रिटर्न व आयकर से जुड़े अन्य परेशानियों को लेकर शनिवार को सुबह 11:30 बजे प्रभात खबर कार्यालय में परिचर्चा आयोजित हुई. इसमें जाने-माने आयकर अधिवक्ता दिलीप दास अतिथि के रूप में उपस्थित हुए.

परिचर्चा में श्री दास ने कहा कि जिन व्यक्ति को लगता है कि हमारी आमदनी कर योग्य है, वह आयकर रिटर्न दाखिल कर देश के एक अच्छे नागरिक का परिचय दें. आयकर जमा कर देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं. टैक्स से देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास होता है. जो भी आयकर दाता सही समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाये हैं वे 31 मार्च तक ब्याज के साथ टैक्स रिटर्न विभाग में दाखिल कर दें. अन्यथा 31 मार्च के बाद टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने पर विभाग द्वारा एक्ट के तहत आर्थिक दंड की कार्रवाई की जा सकती है.

दो लाख रुपये आमदनी तक टैक्स फ्री
श्री दास ने बताया कि जिनकी कुल आमदनी साल भर में दो लाख रुपये तक है, वह पूरी तरह से टैक्स फ्री हैं. दो लाख रुपये से उपर आमदनी होने पर टैक्स देना होगा. वरिष्ठ नागरिकों के लिए दो लाख, 70 हजार रुपये तक आमदनी में टैक्स की छूट सरकार ने दी है. जबकि पांच लाख रुपये तक के आमदनी वालों के लिए दो लाख, 20 हजार रुपये तक टैक्स फ्री है. श्री दास ने बताया कि राजीव गांधी इंफ्रास्ट्रर बांड के तहत भी आयकर में छूट पा सकते हैं. इस योजना के तहत 50 हजार रुपये तक निवेश कर अपनी कुल आय में 25 हजार रुपये तक छूट पा सकते हैं. यह व्यापारियों व वेतनभोगियों के लिए भी है.

छोटे व्यापारी खाता-बही की परेशानी से ऐसे बचें
श्री दास ने बताया कि छोटे व्यापारी खाता-बही की परेशानी से बचने के लिए धारा 40एडी के तहत कुल बिक्री की आठ फीसदी आय दिखाकर आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इससे छोटे व्यापारी को किसी भी तरह के अकाउंट रखने से छूट मिलेगी. जबकि एक करोड़ से अधिक बिक्री होने पर ऑडिट कराना अनिवार्य है. उन्होंने टीडीएस पर कहा कि प्रत्येक तीन माह में टीडीएस रिटर्न फाइल करना आवश्यक होता है.

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