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सरकारी रेकॉर्ड में देवघर में पांच सालों में हुईं महज 69 शादियां

देवघर : सरकार के नुमाइंदों को जिले में होने वाले विवाहों का निबंधन कराना है, मगर उनके द्वारा काम में रुचि नहीं लिये जाने के कारण अधिकांश विवाह निबंधित नहीं हो पाते. इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि प्रावधान के बावजूद पिछले पांच वर्षों में विवाह निबंधन का सरकारी आंकड़ा 100 के पार नहीं […]

देवघर : सरकार के नुमाइंदों को जिले में होने वाले विवाहों का निबंधन कराना है, मगर उनके द्वारा काम में रुचि नहीं लिये जाने के कारण अधिकांश विवाह निबंधित नहीं हो पाते. इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि प्रावधान के बावजूद पिछले पांच वर्षों में विवाह निबंधन का सरकारी आंकड़ा 100 के पार नहीं पहुंच पाया है. जिनको विभिन्न कार्यों के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, वे हीं निबंधन कार्यालय से लेकर कोर्ट-कचहरी तक के चक्कर लगाते हैं. निबंधन विभाग की अोर से सरकारी कर्मियों को निर्देश भी भेजे गये हैं, लेकिन उसका खास प्रभाव नहीं पड़ता दिखायी दे रहा है.
क्या है नियम : विशेष विवाह अधिनियम-1954 के अंतर्गत विवाह अधिनियम प्रपत्र-5 के तहत विवाह निबंधन कराने आये जोड़े में से लड़की की उम्र 18 वर्ष व लड़के की उम्र 21 वर्ष होना जरूरी है. इसके साथ जोड़े के कम से कम एक पक्ष को जिलावासी होना अनिवार्य है.
साथ ही दो पहचान पत्र व तीन गवाह जरूरी है. विभागीय कार्यालय में निबंधन के लिए आवेदन करने पर प्रुफ के तौर पर एक टोकन कार्यालय देता है. उसके बाद जोड़े 31 दिनों के बाद व 90 दिन से पहले कार्यालय में आयेंगे. जोड़े दोबारा आते हैं तो विवाह संपन्न कराया जाता है, यदि इस बीच कोई तृतीय पक्ष किसी बात पर आपत्ति के बिंदु को लेकर नहीं आता है. इस दौरान कार्यालय दोनों जोड़ों की तसवीर व नोटिस विभागीय सूचना बोर्ड पर लगायी जाती है. यदि किसी के द्वारा आपत्ति नहीं की गयी तो एक माह के बाद उस आवेदन पर गवाहों के साथ विवाह संपन्न करा दिया जाता है. उस दौरान लड़का व लड़की दोनों निबंधन पदाधिकारी के समक्ष शपथ पत्र को पढ़ते हैं. उसके बाद विभागीय कार्यालय से एक विवाह प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है, जो कानूनी प्रमाण पत्र होता है.
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सभी का निबंधन जरूरी
वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट की अोर से दिये गये एक निर्णय के अनुसार, देश के सभी नागरिकों को विवाह का निबंधन कराया अनिवार्य है. बाल विवाह को समाप्त करने व सरकारी योजनाअों का लाभ महिलाअों काे मिलने में आसानी होगी. सबसे विशेष बात विवाह निबंधन के लिए जाति-धर्म का कोई बंधन नहीं होता. बस विवाह निबंधन सेक्शन-5 के अंतर्गत वर की आयु 21 वर्ष तथा वधू की 18 वर्ष होनी चाहिये. जबकि विवाह निबंधन सेक्शन-15 के अंतर्गत जोड़े के दोनों का उम्र 21 या उससे अधिक होनी चाहिये. साथ ही शहर में एक माह का वैवाहिक वास होना चाहिये.
विवाह के निबंधन के क्या-क्या हैं लाभ
विवाह के निबंधन से पति-पत्नी को कानूनी प्रमाण पत्र मिलता है
नौकरीपेशा लोगों को अपने नोमिनेशन में पत्नी का नाम डालने का लाभ
वीजा या पासपोर्ट बनाने में पति-पत्नी के संबंध को सिद्ध करना आसान होता है
विदेशों में रहने वाले मां-बाप को बेटे के साथ संबंध का भी आधार बनता है.
साथ ही लोगों को इसके लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़े, इसके लिए इसे आसान बनाया गया है.
ट्रैफिकिंग की शिकार होने पर महिला की जानकारी मिलना
किसी प्रकार का हादसा होने पर कानूनी लाभ मिल सकेगा
निबंधन में कमी के कारण
देवघर के अवर निबंधक बालेश्वर पटेल ने बताया कि विभिन्न सरकारी प्रक्रिया की अनिवार्यता के कारण शादी के लिए अावेदन तो देते हैं, मगर आवेदन की नोटिस प्रति से लाभूक का काम सरकारी योजनाअों में चल जाता है. इस वजह से जोड़े विवाह संपन्न कराने नहीं पहुंचते हैं. जो नियम संगत नहीं है. सर्टिफिकेट ही विवाह का आधार है, नोटिस की प्रति आधार की मान्यता नहीं. नोटिस सिर्फ आवेदन जमा होने का आधार है. विवाह का आधार सार्टिफेकिट है.

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