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रूट मैप बदला, अब महेशमुंडा बनेगा जंक्शन
मधुपुर-कोडरमा रेल लाइन. ट्रैक निर्माण का 95 प्रतिशत काम पूरा, 2018 से शुरू होगा आवागमन बलराम भैया देवघर, मधुपुर व इससे जुड़े संताल के लाखों लोगों के लिए अब कोडरमा जाने के लिए रेल सेवा उपलब्ध हो जायेगी. रेलवे ने इसके लिए रूट मैप को क्लियरेंस दे दिया है. अगले दो वर्षो में मधुपुर स्टेशन […]
मधुपुर-कोडरमा रेल लाइन. ट्रैक निर्माण का 95 प्रतिशत काम पूरा, 2018 से शुरू होगा आवागमन
बलराम भैया
देवघर, मधुपुर व इससे जुड़े संताल के लाखों लोगों के लिए अब कोडरमा जाने के लिए रेल सेवा उपलब्ध हो जायेगी. रेलवे ने इसके लिए रूट मैप को क्लियरेंस दे दिया है. अगले दो वर्षो में मधुपुर स्टेशन सीधे महेशमुंडा होते हुए कोडरमा व गया रेलखंड से जुड़ जायेगा. रेलवे के प्रस्ताव के अनुसार अब महेशमुंडा जंक्शन बनेगा. कोडरमा से गिरिडीह की निर्माणाधीन रेल लाइन अब इसी स्टेशन पर आकर मिलेगी. इसके लिए तेजी से काम चल रहा है. पूर्व में यह लाइन गिरिडीह में मिलना था. लेकिन पुराने स्टेशन में जगह की कमी व शहर में घनी आबादी के बाद अब महेशमुंडा में आकर यह रेलखंड जुड जायेगा.
86 किलोमीटर का काम पूरा,11 किलोमीटर बाकी: इस रेलखंड के अनुभाग अभियंता एसएन चौबे ने बताया कि कोडरमा से कोआर तक 86 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है.
जबकि कोआर से सलैया तक 11 किलोमीटर की दूरी में ट्रैक का काम 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है. अब सलैया से महेशमुंडा तक 11 किलोमीटर का काम अब प्रारंभ होगा. इसमें पहले मिट्टी भरायी व पुल- पुलिया का काम होना है. यह काम 2018 के अंत तक पूरा होने की संभावना है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2018 तक इस लाइन पर आवागमन शुरू हो जायेगा.
वर्ष 1985-86 से नहीं बदली है पटरियां : मधुपुर-गिरिडीह रेलखंड के यात्री के लिए खुशखबरी है. नये साल में उन्हें कछुए की रफ्तार से चलने वाली रेलगाड़ियों से मुक्ति मिल सकती है. रेलवे ने इस रेलखंड की तीन दशक पुरानी पटरियों के नवीनीकरण को स्वीकृति दी है. अगर समय पर काम पूरा हो सकेगा तो लोग आधे-पौने घंटे में मधुपुर से गिरिडीह जा सकेंगे. इस रेलखंड की कुल लंबाई 38 किलोमीटर है. इसे तय करने में अभी ट्रेनों को 60 मिनट लगते हैं. रेलवे मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 19 किलोमीटर रेल पटरी बदलने की स्वीकृति दी है. शेष 19 किलोमीटर में पटरी बदलने की योजना को अगले साल स्वीकृत किये जाने की संभावना है.
कॉसन पर चल रही हैं ट्रेने
फिलहाल इस रेलखंड पर ट्रेनों की अधिकतर रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा है. लेकिन कई जगह पटरियां इतनी खराब हो चुकी हैं कि मधुपुर-गिरिडीह सवारी ट्रेन व मालगाडी को आठ स्थानों पर कॉसन देकर परिचालन करवाया जाता है. इन स्थानों पर ट्रेनों की स्पीड अधिकतम 30 किलोमीटर रहती है. इस रेलखंड पर पिछली बार वर्ष 1985-86 में ट्रैक बदला गया था. अधिकारियों के अनुसार नये ट्रैक बन जाने के बाद ट्रेनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकेगी. विद्युतीकरण होने के बाद ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेगी. हालांकि अब तक विद्युतीकरण का कोई प्रस्ताव रेलवे ने नहीं लिया है.
मधुपुर-कोडरमा के बीच 19 स्टेशन होंगे
मधुपुर-कोडरमा के बीच 19 स्टेशन होंगे. मधुपुर से कोडरमा वाया गिरिडीह का मुख्य स्टेशन महेशमुंडा स्टेशन होगा. स्टेशनों में मधुपुर-सुग्गापहाड़ी टीपी-6/3, सुग्गापहाड़ी टीपी-7/11, जगदीशपुर-कृष्ण बल्लव सहाय-महेशमुंडा-गिरिडीह-जीतपुर-कोवाड़-जोरासांख हॉल्ट-जमुआ-दुरिया तर्न हॉल्ट-रेमा-राजधनवार-राकेश बाघ हॉल्ट-नवाडीह-नावासाही हॉल्ट-महेशपुर-महेशपुर ए केबिन-कोडरमा टाउन-कोडरमा.
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