साथ ही मृतका के पीड़ित परिवार को पुनर्वासन के लिए 50 हजार रुपये देने होंगे जो डालसा के माध्यम से झारखंड सरकार मृतका के मां-बाप को मिलेंगे. यह फैसला सेशन ट्रायल नंबर 140/2009 की सुनवाई के बाद सुनाया गया. दर्ज मुकदमा में कहा गया था कि मुन्ना दास की पुत्री की हत्या दहेज के चलते उनके ससुरालवालों ने कर दी थी.
इस मामले में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से इशहाक अंसारी, दिनेश चौधरी व शैलेष कुमार दुबे थे. आरोपित मधुपुर थाना के सलैया गांव के रहने वाले हैं जबकि सूचक मुन्ना दास गिरिडीह जिले के बनियाडीह प्रेमनगर के रहने वाले हैं.