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11 दिनों में महज 11 भू-खंडों की रजिस्ट्री

देवघर: नोेटों के बंद की घोषणा के बाद देवघर में जमीन की रजिस्ट्री प्रभावित हो गयी है. आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 दिनों के दौरान सरकार को 25 लाख से अधिक राजस्व का नुकसान हो चुका है. रजिस्ट्री ऑफिस के अनुसार पिछले 11 दिनों के दाैरान रजिस्ट्री ऑफिस में महज 11 भू-खंडों की रजिस्ट्री हुई […]

देवघर: नोेटों के बंद की घोषणा के बाद देवघर में जमीन की रजिस्ट्री प्रभावित हो गयी है. आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 दिनों के दौरान सरकार को 25 लाख से अधिक राजस्व का नुकसान हो चुका है. रजिस्ट्री ऑफिस के अनुसार पिछले 11 दिनों के दाैरान रजिस्ट्री ऑफिस में महज 11 भू-खंडों की रजिस्ट्री हुई है. जबकि बड़े नोटों के बंद होने की घोषणा से पहले पिछले रोजाना रजिस्ट्री ऑफिस में चार से पांच भू-खंडों की रजिस्ट्री हो रही थी. अक्तूबर माह में रजिस्ट्री ऑफिस में करीब 150 भू-खंडाें की रजिस्ट्री हुई थी.

नोटबंदी के बाद यह आंकड़ा सीधे दस फीसदी में आ गया है. बताया जाता है कि नकद रजिस्ट्री शुल्क जमा नहीं लिये जाने पर जमीन रजिस्ट्री ही प्रभावित हो रही है. निबंधन विभाग के निर्देशानुसार नकद रजिस्ट्री शुल्क में भी एक फीसदी टैक्स लागू है. लेकिन 500 व एक हजार रुपये के बड़े नोट नकद जमा ही नहीं होने से रजिस्ट्री टैक्स वसूली बाधित है.

कोषागार से भी जमीन रजिस्ट्री के लिए स्टांप पेपर की बिक्री भी नकद पहले के मुकाबले अब काफी हो रहा है. यहां भी नकद रुपये की वजह बनी हुई है. अब तक जो रजिस्ट्री हुई है, उसका रकवा व रकम काफी कम है. जिस कारण रजिस्ट्री शुुल्क कम थी. कोई भी रजिस्ट्री में 20 हजार रुपये तक सबम कम शुल्क होती है.

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